Special Story

अटल निर्माण वर्ष में सुशासन की नई ऊंचाइयां छूने को तैयार छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

अटल निर्माण वर्ष में सुशासन की नई ऊंचाइयां छूने को तैयार छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivJun 8, 20254 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में…

अंतर्राष्ट्रीय समपार (फाटक) दिवस के अवसर पर चलाया जा रहा है सघन जागरुकता अभियान

अंतर्राष्ट्रीय समपार (फाटक) दिवस के अवसर पर चलाया जा रहा है सघन जागरुकता अभियान

ShivJun 8, 20252 min read

रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय समपार फाटक जागरूकता दिवस के अवसर पर दिनांक…

भाजपा नेत्री ने दिखायी दबंगई, सरेराह किसान को पीटा, जमकर बरसाये लात-घूंसे…

भाजपा नेत्री ने दिखायी दबंगई, सरेराह किसान को पीटा, जमकर बरसाये लात-घूंसे…

ShivJun 8, 20251 min read

कोरबा। भाजपा नेत्री का मारपीट करते हुए एक वीडियो सोशल…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मुस्लिम समाज ने दी ईदुल अज़हा की बधाई

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मुस्लिम समाज ने दी ईदुल अज़हा की बधाई

ShivJun 8, 20251 min read

रायपुर। मुस्लिम समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री निवास में प्रदेश…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईआईएम रायपुर परिसर में किया सुशासन वाटिका का शुभारंभ

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईआईएम रायपुर परिसर में किया सुशासन वाटिका का शुभारंभ

ShivJun 8, 20252 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहां भारतीय प्रबंध…

June 8, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ में बढ़ते सायबर क्राइम से हाई कोर्ट चिंतित, केंद्र सरकार को दिए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य विशेषज्ञ नियुक्त करने के निर्देश

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य विशेषज्ञ की नियुक्ति के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने मामले में सुनवाई की. इस दौरान बताया गया कि 16 जगहों पर विशेषज्ञ की नियुक्ति हुई है. लेकिन छत्तीसगढ़ में अबतक नहीं हो पाई है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को तत्काल विशेषज्ञ की नियुक्ति के संबंध में निर्देश दिया है. वहीं केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा से नियुक्ति के संबध में 4 हफ्ते के अंदर शपथपत्र पेश कर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई 10 मार्च को होगी. 

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता शिरीन मालेवर ने अधिवक्ता रुद्र प्रताप दुबे और गौतम खेत्रपाल के माध्यम से याचिका दाखिल किया है. कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार ने देशभर में 16 जगह पर एक्सपर्ट की नियुक्ति की है. हालांकि छत्तीसगढ़ में किसी एक्सपर्ट की नियुक्ति नहीं हो पाई है.  

मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने भी इस तथ्य की पुष्टि की कि राज्य में आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का कोई परीक्षक नियुक्त नहीं है. इस पर अदालत ने केंद्र सरकार को राज्य में विशेषज्ञ की नियुक्ति के निर्देश दिए.

केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा को चार सप्ताह के भीतर शपथपत्र (हलफनामा) पेश कर यह जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं कि नियुक्ति प्रक्रिया में अब तक क्या प्रगति हुई है.

मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि साइबर अपराधों में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य विशेषज्ञ की नियुक्ति बेहद आवश्यक है. उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई करेगी.”

कौन होता है इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य विशेषज्ञ ?

इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य विशेषज्ञ को डिजिटल फॉरेंसिंक एक्सपर्ट भी कहा जाता है. डिजिटल फोरेंसिक एक्सपर्ट कंप्यूटर, मोबाइल, नेटवर्क और दूसरे डिजिटल उपकरणों से डेटा इकट्ठा करके उसकी जांच करता है, ताकि अपराध के सबूत मिल सकें. वह डिलेटेड डेटा को रिकवर करने, साइबर धोखाधड़ी की जांच करने, हैकिंग के सबूत ढूंढने और डिजिटल दस्तावेजों की सच्चाई को परखने का काम करते हैं. साइबर अपराधों को सुलझाने और कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक सबूत पेश करने में डिजिटल फोरेंसिक विशेषज्ञ भूमिका बहुत जरूरी होती है.