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नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 2025: कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम का किया गठन, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 2025: कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम का किया गठन, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी

ShivJan 20, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों…

January 21, 2025

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प्रदेश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बदहाली पर हाईकोर्ट की सख्ती, परिवहन सचिव से मांगा शपथ-पत्र

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की खराब हालत और सिटी बसों की अनियमितता पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की है. हाईकोर्ट ने परिवहन सचिव और कमिश्नर से व्यक्तिगत शपथ पत्र पर जवाब मांगा है कि आम लोगों के लिए इस व्यवस्था में सुधार करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और ई-बसें कब तक चालू होंगी. इस मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी.

मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश के 9 शहरों में चल रही 378 बसों में से अब केवल 272 बसें ही रह गई हैं, जिसमें से 106 बसें काम नहीं कर रही हैं और इनमें से सिर्फ 70 से 80 बसें ही सड़क पर चल रही हैं.

शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सिटी बसें केवल नगरीय निकाय क्षेत्र में ही चलती हैं. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल ने शासन से पूछा कि प्रदेश में ट्रांसपोर्ट की हालत कब सुधरेगी. उन्होंने कहा कि गाय सड़कों पर चल रही है, प्रदेश में जो बसें अन्य शहरों के लिए चलती हैं उनकी भी हालत खराब है.

कोर्ट ने शासन से कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्य में बसों की संख्या बहुत कम है. जो बसें चल रही हैं उनमें भी लूटपाट और यात्रियों की सुरक्षा की समस्याएं हैं. कोर्ट ने शासन को न केवल सिटी बस सेवा को सुधारने का निर्देश दिया बल्कि यह भी कहा कि दो शहरों के बीच चलने वाली बस सेवा में भी आवश्यक सुधार लाए जाएं ताकि आम आदमी सुरक्षित और सुविधा से यात्रा कर सके.