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शराब घोटाला: ED की विशेष कोर्ट ने डिस्टलरी को आरोपी बनाने ढेबर की याचिका की स्वीकार, 8 कंपनियों को बनाया आरोपी

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ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में डिस्टलरी (शराब निर्माताओं)…

दर्दनाक हादसा : बाइक सवारों को कार ने मारी टक्कर, फिर हाइवा की चपेट में आने से एक युवक की मौत, दूसरा घायल

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ShivFeb 24, 20251 min read

जांजगीर-चाम्पा।  छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में दर्दनाक हादसे में दो युवकों…

सीजीएसटी में रिश्वतखोरी मामला : अधीक्षक और ड्राइवर की 28 फरवरी तक बढ़ी रिमांड, CBI नए आरोपियों की कर रही तलाश

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ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) अधीक्षक भरत सिंह और ड्राइवर विनय राय…

SATTE 2025: पर्यटन स्थलों को प्रमोट करने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने बनाया विशेष स्टॉल

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ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर।   दक्षिण एशिया के सबसे बड़े ट्रैवल एक्सपो SATTE (…

February 24, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों और अमानवीय व्यवहार पर हाईकोर्ट सख्त, डीजीपी को जारी किया नोटिस

बिलासपुर।   हाईकोर्ट ने जेलों में क्षमता से अधिक कैदी और उनके साथ किए जा रहे अमानवीय व्यवहार को लेकर डीजीपी को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जानकारी देने कहा है. मामले में तीन जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में एक साथ सुनवाई हो रही है.

केंद्रीय जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों को लेकर अधिवक्ता शिवराज सिंह चौहान ने एक जनहित याचिका लगाई है. कुछ समय बाद जेलों में कैदियों की अमानवीय परिस्थितियों को लेकर भी एक जनहित याचिका दायर की गई है. इन दो जनहित याचिकाओं के अलावा हाई कोर्ट ने जेल में बंद कैदियों की स्थिति को लेकर स्वत: संज्ञान में लिया और जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की. तीनों जनहित याचिका की एक साथ चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हो रही है. मामले में हाईकोर्ट ने अधिवक्ता रणवीर मरहास को न्यायमित्र नियुक्त किया था. पूर्व की सुनवाई में शासन ने बताया था कि, जेलों में कैदियों के स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं को लेकर काम किया जा रहा है. रायपुर व बिलासपुर के सेंट्रल जेलों में विशेष जेलों की स्थापना व बेमेतरा में ओपन जेल जल्द प्रारंभ करने की जानकारी राज्य शासन ने दी थी.

मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सुनील पिल्लै ने बताया कि जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 6 साल पहले आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का देश के सभी राज्यों में पालन किया जाना था, लेकिन प्रदेश के जेलों में वर्तमान स्थिति उतनी बेहतर नहीं है. जिस पर कोर्ट ने डीजीपी से शपथ पत्र में जवाब मांगा है, जिसमें इस बात की भी जानकारी देनी होगी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का कितना परिपालन किया जा रहा है.