Special Story

‘भूपेश मतलब भ्रष्टाचार’, महादेव सट्टा एप घोटाले पर बीजेपी ने जारी कर साधा निशाना…

‘भूपेश मतलब भ्रष्टाचार’, महादेव सट्टा एप घोटाले पर बीजेपी ने जारी कर साधा निशाना…

ShivMar 31, 20252 min read

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी का लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के…

दंतेवाड़ा नक्सल एनकाउंटर : DRG की जवानों को मिली बड़ी सफलता 25 लाख की ईनामी नक्सली रेणुका को मार गिराया

दंतेवाड़ा नक्सल एनकाउंटर : DRG की जवानों को मिली बड़ी सफलता 25 लाख की ईनामी नक्सली रेणुका को मार गिराया

ShivMar 31, 20251 min read

दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा-बीजापुर जिला के सरहदी नेलगोड़ा, एकेली और बेलनार इलाके में…

अपार्टमेंट की पार्किंग में खड़ी गाड़ियों में लगी आग, 10 बाइक जलकर खाक

अपार्टमेंट की पार्किंग में खड़ी गाड़ियों में लगी आग, 10 बाइक जलकर खाक

ShivMar 31, 20251 min read

बिलासपुर।  न्यायधानी के तोरवा क्षेत्र के वैशाली रीजेंसी अपार्टमेंट की…

पेंड्रा सड़क हादसा : मृतकों के परिजनों को मिलेगा 5 लाख का मुआवजा, मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा

पेंड्रा सड़क हादसा : मृतकों के परिजनों को मिलेगा 5 लाख का मुआवजा, मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा

ShivMar 31, 20251 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही।    पेंड्रा सड़क हादसे में दो लोगों की मौत…

March 31, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

हाईकोर्ट ने दिवंगत पुलिस निरीक्षक की विधवा को दी राहत, वसूली आदेश किया निरस्त

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पुलिस इंस्पेक्टर मालिकराम रात्रे की विधवा धनेश्वरी रात्रे के खिलाफ जारी वसूली आदेश को निरस्त कर दिया है। दरअसल, जांजगीर-चांपा पुलिस विभाग में पदस्थ निरीक्षक (इंस्पेक्टर) मालिकराम रात्रे की मृत्यु के बाद पुलिस अधीक्षक (एस.पी.) जांजगीर-चांपा द्वारा उनके सेवाकाल के दौरान 27 दिसंबर 1986 से 30 नवंबर 2018 तक गलत वेतन निर्धारण के कारण हुए अधिक भुगतान को संशोधित करते हुए उनकी पत्नी धनेश्वरी रात्रे के सेवानिवृत्ति देयक से लगभग दो लाख रुपये की वसूली का आदेश जारी किया गया था।

इस वसूली आदेश के विरुद्ध धनेश्वरी रात्रे ने हाईकोर्ट बिलासपुर में रिट याचिका दायर की, जिसमें उनके अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और देवांशी चक्रवर्ती ने तर्क दिया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों, जैसे स्टेट ऑफ पंजाब विरुद्ध रफीक मसीह (2015) और थॉमस डेनियल विरुद्ध स्टेट ऑफ केरला (2022) के साथ-साथ हाईकोर्ट बिलासपुर की डिवीजन बेंच द्वारा छत्तीसगढ़ शासन एवं अन्य विरुद्ध लाभाराम ध्रुव के मामले में दिए गए निर्णय के आधार पर किसी भी तृतीय श्रेणी कर्मचारी, सेवा निवृत्त कर्मचारी या उनके परिवार के सदस्यों से इस प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती है।

अधिवक्ताओं ने कोर्ट के समक्ष यह भी तर्क दिया कि पूर्व में शासकीय कर्मचारी के सेवाकाल के दौरान अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर, सेवानिवृत्ति के बाद उस कर्मचारी से या उनकी मृत्यु के पश्चात उनकी विधवा या परिवार के अन्य किसी सदस्य से वसूली आदेश जारी करना न्यायसंगत नहीं है।

बिलासपुर उच्च न्यायालय ने रिट याचिका की सुनवाई के बाद अधिवक्ताओं के तर्कों से सहमत होते हुए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट बिलासपुर के पूर्व के निर्णयों का संदर्भ लेते हुए पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा द्वारा जारी वसूली आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही, कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि वसूल की गई राशि तत्काल याचिकाकर्ता धनेश्वरी रात्रे को वापस की जाए।