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धार्मिक, आध्यात्मिक और पौराणिक रूप से समृद्ध है छत्तीसगढ़ की धरती – अरुण साव

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ShivFeb 23, 20252 min read

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चुनाव कार्य में लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई, उप अभियंता निलंबित

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ShivFeb 23, 20251 min read

सूरजपुर। पंचायत चुनाव के दौरान निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोगड़ा आश्रम में की पूजा-अर्चना

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रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर में प्रसिद्ध अघोर…

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समाज को तोड़ने का चल रहा हैं षड्यंत्र

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ShivFeb 23, 20255 min read

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February 23, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

हाईकोर्ट ने दिवंगत पुलिस निरीक्षक की विधवा को दी राहत, वसूली आदेश किया निरस्त

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पुलिस इंस्पेक्टर मालिकराम रात्रे की विधवा धनेश्वरी रात्रे के खिलाफ जारी वसूली आदेश को निरस्त कर दिया है। दरअसल, जांजगीर-चांपा पुलिस विभाग में पदस्थ निरीक्षक (इंस्पेक्टर) मालिकराम रात्रे की मृत्यु के बाद पुलिस अधीक्षक (एस.पी.) जांजगीर-चांपा द्वारा उनके सेवाकाल के दौरान 27 दिसंबर 1986 से 30 नवंबर 2018 तक गलत वेतन निर्धारण के कारण हुए अधिक भुगतान को संशोधित करते हुए उनकी पत्नी धनेश्वरी रात्रे के सेवानिवृत्ति देयक से लगभग दो लाख रुपये की वसूली का आदेश जारी किया गया था।

इस वसूली आदेश के विरुद्ध धनेश्वरी रात्रे ने हाईकोर्ट बिलासपुर में रिट याचिका दायर की, जिसमें उनके अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और देवांशी चक्रवर्ती ने तर्क दिया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों, जैसे स्टेट ऑफ पंजाब विरुद्ध रफीक मसीह (2015) और थॉमस डेनियल विरुद्ध स्टेट ऑफ केरला (2022) के साथ-साथ हाईकोर्ट बिलासपुर की डिवीजन बेंच द्वारा छत्तीसगढ़ शासन एवं अन्य विरुद्ध लाभाराम ध्रुव के मामले में दिए गए निर्णय के आधार पर किसी भी तृतीय श्रेणी कर्मचारी, सेवा निवृत्त कर्मचारी या उनके परिवार के सदस्यों से इस प्रकार की वसूली नहीं की जा सकती है।

अधिवक्ताओं ने कोर्ट के समक्ष यह भी तर्क दिया कि पूर्व में शासकीय कर्मचारी के सेवाकाल के दौरान अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर, सेवानिवृत्ति के बाद उस कर्मचारी से या उनकी मृत्यु के पश्चात उनकी विधवा या परिवार के अन्य किसी सदस्य से वसूली आदेश जारी करना न्यायसंगत नहीं है।

बिलासपुर उच्च न्यायालय ने रिट याचिका की सुनवाई के बाद अधिवक्ताओं के तर्कों से सहमत होते हुए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट बिलासपुर के पूर्व के निर्णयों का संदर्भ लेते हुए पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा द्वारा जारी वसूली आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही, कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि वसूल की गई राशि तत्काल याचिकाकर्ता धनेश्वरी रात्रे को वापस की जाए।