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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय…

जातिगत जनगणना पर केंद्र सरकार के निर्णय का सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने किया स्वागत

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ…

तबादलों को लेकर ACS की अगुवाई में बनी कमेटी, IAS मनोज पिंगुआ बनाए गए अध्यक्ष

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  राज्य में तबादलों का दौर शुरू होने वाला है।…

रायपुर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर होंगे शिफ्ट, 18 जून से नए स्थान से मिलेगा टिकट

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रायपुर रेल मंडल द्वारा रायपुर रेलवे…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक सम्पन्न

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ShivJun 16, 20253 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय…

June 16, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

ऑनलाइन बेटिंग एप्स पर हाई कोर्ट चीफ जस्टिस की तीखी टिप्पणी, कहा- मेहनत से नहीं, शॉर्टकट से पैसा कमाना चाहते हैं लोग, चिन्हित कर करें कार्रवाई…

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन बेटिंग एप्स के फलते-फूलते बाजार को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविन्द वर्मा की डिवीजन बेंच ने मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार, गृह विभाग और केंद्र सरकार को शपथपत्र से हलफनामा दाखिल कर जवाब मांगा है, इसमें महादेव एप उजागर होने के बाद अब तक कितने अन्य एप्स पर एक्शन लिया गया, इसकी जानकारी भी मांगी गई है. मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी.

वहीं, एक सक्रिय सट्टा एप को भी याचिका में शामिल किया गया है. सट्टा एप को लेकर याचिका रायपुर निवासी सुनील नामदेव ने अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि कई सट्टा एप्स आज भी सक्रिय हैं. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इन सक्रिय एप्स को चिन्हित कर तत्काल कार्रवाई की जाए.

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने कहा कि लोग अब मेहनत से नहीं, शॉर्टकट से पैसा कमाना चाह रहे हैं, जो समाज और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए खतरनाक है. कोर्ट ने सरकार को यह भी याद दिलाया कि वैध और अवैध के बीच की रेखा टूटनी नहीं चाहिए.

हाई कोर्ट में दायर याचिका में आईपीएल जैसे क्रिकेट के आयोजनों के दौरान सट्टा एप्स के बढ़ते चलन पर भी चिंता जताई गई है. इसके साथ ही निगरानी के लिए एक स्थायी तंत्र बनाए जाने की मांग भी की गई है. हाई कोर्ट ने कहा कि जिन एप्स पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, उन्हें तुरंत चिन्हित किया जाए.