Special Story

अकलतरी गांव में डायरिया का प्रकोप, अब तक तीन की मौत

अकलतरी गांव में डायरिया का प्रकोप, अब तक तीन की मौत

ShivJun 13, 20251 min read

जांजगीर चांपा। जिले के अकलतरा विकासखंड के अकलतरी गांव में…

तीन तलाक बोलकर पत्नी को घर से निकाला, बिलासपुर में पति के खिलाफ FIR दर्ज

तीन तलाक बोलकर पत्नी को घर से निकाला, बिलासपुर में पति के खिलाफ FIR दर्ज

ShivJun 13, 20252 min read

बिलासपुर। बीवी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने के बाद…

पुलिस जवानों के लिए दुर्ग में मेगा मेडिकल कैम्प का आयोजन कल

पुलिस जवानों के लिए दुर्ग में मेगा मेडिकल कैम्प का आयोजन कल

ShivJun 13, 20251 min read

दुर्ग। जिला पुलिस द्वारा पुलिस बल, सशस्त्र पुलिस बल एवं…

डॉक्टर से 11.25 लाख की ऑनलाइन ठगी, बिहार से तीन आरोपी गिरफ्तार

डॉक्टर से 11.25 लाख की ऑनलाइन ठगी, बिहार से तीन आरोपी गिरफ्तार

ShivJun 13, 20253 min read

अंबिकापुर। शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. अमित असाटी से हल्दीराम…

रायपुर में 5 जुआरियों का पुलिस ने निकाला जुलूस

रायपुर में 5 जुआरियों का पुलिस ने निकाला जुलूस

ShivJun 13, 20251 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर के आरंग में खुलेआम जुआ खेलने की…

June 13, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

हाईटेक स्टेशन तैयार, लेकिन ट्रेनें नदारद! स्थानीय लोगों का बड़ा सवाल – क्या अब लोग स्टेशन पर वॉकिंग करने आएंगे?

डोंगरगढ़।   डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन अब चमचमाता हुआ “हाईटेक” स्टेशन बन चुका है, जहां लिफ्ट, एस्केलेटर, वेटिंग लाउंज, शानदार लैंडस्केपिंग समेत अन्य सुविधाएं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को इस आधुनिक स्टेशन का वर्चुअल उद्घाटन करने वाले हैं, लेकिन इसी चमक-धमक के बीच एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि जब स्टेशन पर ट्रेनें ही नहीं रुकेंगी, तो फिर इन हाईटेक सुविधाओं का क्या फायदा?

डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन को ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत शानदार रूप दिया गया है. स्टेशन अब सिर्फ यात्रियों का पड़ाव नहीं बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक झलक का प्रतीक बनने जा रहा है पर स्थानीय लोग इस विकास को आधा अधूरा मान रहे हैं. आज स्टेशन परिसर में कार्यक्रम की तैयारी को लेकर जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों और रेलवे अधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में जैसे ही स्टेशन की सजावट और सुविधाओं की चर्चा हुई, लोगों ने सीधा सवाल दाग दिया कि जब ट्रेनें ही बंद हैं तो ये एस्केलेटर कौन इस्तेमाल करेगा?”

सांसद प्रतिनिधि और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल और अन्य लोगों ने बैठक में साफ कहा कि हाईटेक स्टेशन बनने की खुशी जरूर है, लेकिन डोंगरगढ़ से कई लोकल ट्रेनें बंद कर दी गई है. नौकरीपेशा लोग, छात्र और देवी दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु अब या तो बसों के भरोसे हैं या फिर परेशान होकर सफर छोड़ चुके हैं. एक स्थानीय नागरिक ने तो चुटकी लेते हुए कहा “अगर ट्रेनें नहीं चलाई गईं तो स्टेशन को मॉर्निंग वॉक के लिए खोल देना चाहिए!” लोगों का साफ कहना है कि स्टेशन को आधुनिक बनाना स्वागत योग्य कदम है, लेकिन जब यात्रियों के लिए सबसे ज़रूरी चीज़ ट्रेनें ही नहीं मिलेंगी तो विकास अधूरा ही कहलाएगा. स्टेशन की चमक तभी सार्थक होगी, जब वहां से आवाजाही की आवाज़ भी सुनाई देगी.

स्थानीय लोगों का कहना है कि डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन पर आधुनिकता की रफ्तार तो दिख रही है, लेकिन ट्रेनों की रफ्तार अब भी थमी हुई है. 22 मई को वर्चुअल उद्घाटन जरूर होगा, लेकिन असली खुशी तब होगी जब “ट्रेन आएगी, सीटी बजेगी और स्टेशन वाकई जिंदा नजर आएगा.”