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साहसी श्री वारिस खान मध्यप्रदेश का गौरव: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव

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ShivNov 15, 20241 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजगढ़ जिले के…

प्रदेश में गीता जयंती भव्य रूप में मनाई जाएगी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivNov 15, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में…

माँ क्षिप्रा के पावन स्नान का सौभाग्य मिले वर्ष भर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivNov 15, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि माँ क्षिप्रा…

November 16, 2024

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Home » महिलाओं को कानूनी मदद देगा हेल्प लाइन नंबर-181

महिलाओं को कानूनी मदद देगा हेल्प लाइन नंबर-181

रायपुर-   संकटग्रस्त महिलाओं की सहायता हेतु शासन द्वारा चलाई जा रही आपातकालीन सेवा हेल्पलाइन नंबर 181 है जो 24 घंटे सातों दिन कार्यरत है। जिस पर कोई भी महिला, जो किसी प्रकार की शारीरिक,मानसिक, या यौन प्रताड़ना का शिकार है, कॉल कर सकती है। महिला हेल्पलाईन पीड़ित महिला की शिकायत को सुनकर प्रकरण के तर्कसंगत समाधान हेतु प्रयास करती है। इस हेतु वह राज्य के सभी जिलो के सखी वन स्टाप सेंटर, संबंधित थाना एवं आपातकालीन स्थिति में 112 से समन्वय स्थापित करती है। महिला हेल्पलाईन किसी भी संकटग्रस्त महिला की सहायता हेतु टोल फ्री नंबर है। इस नंबर पर कॉल कर महिला 24 घंटे सातों दिन मदद ले सकती है। कोई भी महिला जो किसी भी प्रकार की शारीरिक मानसिक प्रताड़ना से ग्रस्त है, वह इस नंबर पर कॉल कर सकती है।

इन मामलों में घरेलू हिंसा, यौन प्रताड़ना, छेड़छाड़ टोनही प्रताड़ना कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न, साइबर काईम दहेज प्रताड़ना एवं अन्य सभी अपराध शामिल है, जिसमें महिला शारीरिक अथवा मानसिक रूप से प्रताडित हो। सर्वप्रथम पीड़िता का कॉल आने पर उनकी समस्या को सुनकर समस्या को समझा जाता है। पीड़िता की समस्या को समझने के बाद उन्हें समस्या समाधान संबंधी उपयुक्त विकल्पों से अवगत कराया जाता है। पीड़िता की सहमति से श्रेष्ठ विकल्प का चयन कर मामला अग्रिम कार्यवाही हेतु सखी वन स्टाप सेंटर में भेजा जाता है। आपातकालीन स्थिति में 112/संबंधित थाने के माध्यम से पीड़िता को पुलिस सहायता उपलब्ध कराते हुए मामला सखी वन स्टाप सेंटर में भेजा जाता है, जहाँ से पीड़िता की समस्या का यथासंभव समाधान सुनिश्चित किया जाता है। रेस्क्यू के मामलों में 112/संबंधित थाने के माध्यम से पीड़िता का रेस्क्यू तय किया जाता है, एवं सखी वन स्टाप सेंटर से समन्वय स्थापित कर पीड़िता की मेडिकल जॉच, आश्रय एवं उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है।