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प्रमोशन परीक्षा में गलत प्रश्न मामले पर सुनवाई : हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को दी राहत, बोनस नंबर देने और तीन माह के भीतर जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त करने के निर्देश

बिलासपुर।    हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी की विभागीय प्रमोशन परीक्षा में गलत प्रश्न मामले में सुनवाई के दौरान कर्मचारियों को राहत दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को बोनस नंबर देने और तीन महीने के भीतर जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्ति करने के निर्देश कंपनी को दिए हैं।

दरअसल, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी ने जूनियर इंजीनियर के पद पर पदोन्नति देने के लिए विभागीय परीक्षा का आयोजन किया था। इसमें कुछ गलत सवाल पूछे गए थे। गलत सवालों के उत्तर ना देने के कारण याचिकाकर्ताओं को पदोन्नति परीक्षा में फेल कर दिया गया। इसे लेकर दिनेश कुमार चंद्रा व कुछ अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें बताया गया कि परीक्षा के दौरान जो प्रश्न पत्र होल्डिंग कंपनी ने परीक्षा हाल में बांटे थे उसमें 10 सवाल ऐसे थे, जिनका उत्तर देने के लिए दिए गए आप्शन में गड़बड़ी थी।

वैकल्पिक प्रश्न पूछने के बाद विकल्प के रूप में पांच सवाल दिए थे, लेकिन उत्तर लिखने के लिए पांच की जगह चार विकल्प छोड़े थे। परीक्षार्थियों को लगा कि विकल्प के लिए जो जगह तय की गई वह गलत है। गलत आंसर लिखने पर माइनस मार्किंग का भी डर था। लिहाजा याचिकाकर्ता और अन्य अभ्यर्थियों ने भी सवाल को गलत मानते हुए उत्तर नहीं दिया और सभी 10 सवालों को छोड़ दिया।

उपमहाप्रबंधक ने खारिज किया था अभ्यर्थियों का आवेदन

कंपनी ने जब रिजल्ट जारी किया तब दिनेश कुमार सहित कई को पदोन्नति के लिए अपात्र घोषित कर दिया। तब दिनेश ने त्रुटिपूर्ण प्रश्नों के लिए बोनस अंक अथवा उक्त प्रश्नों को विलोपित मानते पुनर्गणना की मांग करते हुए उप महाप्रबंधक छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी रायपुर के समक्ष अभ्यावेदन पेश किया, लेकिन उप महाप्रबंधक ने अभ्यावेदन को खारिज कर दिया। इस पर अभ्यर्थियों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिका लगाई थी। कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की और सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है।