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सुशासन तिहार 2025- बैगा आदिवासी की समस्या का हुआ तुरन्त निदान, मिली ट्राइसिकल

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ShivApr 18, 20252 min read

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रिश्वतखोर राजस्व निरीक्षक निलंबित, ACB ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों किया था गिरफ्तार

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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए राजस्व…

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रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय…

April 18, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

उपजेल में मारपीट और अवैध वसूली के मामले में हुई सुनवाई, 3 अप्रैल तक हाईकोर्ट ने DGP से शपथपत्र के साथ मांगा जवाब…

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सारंगढ़ उपजेल में कैदी से पिटाई और अवैध वसूली को लेकर लिए स्वत: संज्ञान लिया था. कोर्ट इस मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार याचिका पर लगातार सुनवाई कर रही है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में आज सुनवाई हुई, जिसमें प्रदेश सरकार से हलफनामे पर इस पूरे मामले में जेलकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर महाधिवक्ता ने जवाब दिया. वहीं पूर्व आदेश के परिपालन में बताया गया कि मामले में अभी तक 3 लोगों की जांच चल रही है. 2 लोगों को बरी किया गया है. अब हाईकोर्ट ने डीजीपी से 3 अप्रैल का समय देते हुए नया शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.

15 जनवरी 2025 को सुनवाई के दौरान शपथपत्र में जवाब में कहा था कि 10 व्यक्तियों के विरुद्ध शुरू की गई जांच में, एक दोषी कर्मचारी के विरुद्ध जांच पूरी हो गई है और उसे दण्डित किया गया है. जबकि 3 मामलों में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसके साथ ही 3 मामलों में जांच पूरी हो गई, जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है और 3 मामलों में जांच चल रही है. 

राज्य के अधिवक्ता को जांच रिपोर्ट की स्थिति और उठाए गए कदमों के संबंध में मामले में आगे हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. वहीं कोर्ट ने एक बार फिर सरकार को समय देते हुए 3 अप्रैल 2025 तक नया शपथ पत्र पेश करने निर्देश दिए हैं. 

बता दें, सारंगढ़ उपजेल में वसूली के लिए कैदी को टॉर्चर किये जाने का मामला उजागर हुआ था. जिस पर हस्तक्षेप याचिकाकर्ता दीपक चौहान और दिनेश चौहान ने अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला के माध्यम से अपना पक्ष रखा था. सारंगढ़ उपजेल मामले में संलिप्त आरोपी  जेलकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस महानिदेशक जेल से शपथपत्र में जवाब प्रस्तुत करने कहा था. अब शुरू हुई विभागीय जांच और कार्रवाई पर लगातार कोर्ट जवाब मांगकर निगरानी कर रहा है.