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कथित लव जिहाद मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई : कोर्ट ने कहा – युवक-युवती की शादी वैध नहीं, सुनाया ये फैसला…

बिलासपुर।  कोरबा जिले के कथित लव जिहाद मामले में मुस्लिम युवक की तरफ से दायर हैबियस कॉर्पस पिटीशन पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने मध्यस्थता केंद्र की रिपोर्ट के आधार पर कहा कि यह शादी वैध नहीं है और याचिका को निराकृत कर युवती को सखी सेंटर में रखने के निर्देश दिए।

मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई। कोर्ट ने कहा कि युवक-युवती की शादी वैध नहीं है। हालांकि युवक-युवती दोनों बालिग हैं, इसलिए दोनों स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह करने के लिए स्वतंत्र हैं। मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने पहले कहा था कि युवती युवक के साथ जाने की बात कह रही है, फिर भी उसके भविष्य और सुरक्षा को देखते हुए मामले में मध्यस्थता जरूरी है, ताकि परिजनों को भी संतुष्टि हो। वहीं परिजनों ने युवक पर युवती को झूठ बोलकर ले जाने का आरोप लगाया है।

हाईकोर्ट के आदेश पर मंगलवार को मध्यस्थता केंद्र में युवती अपने परिजनों के साथ जाने के लिए राजी नहीं हुई। इस पर समिति ने कहा कि कोलकाता में हुई उनकी शादी वैध नहीं है, क्योंकि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत उनकी शादी नहीं हुई है। इसके बाद भी लड़की युवक के साथ रहने की जिद करती रही। बुधवार को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मध्यस्थता केंद्र रिपोर्ट के आधार पर माना कि युवक-युवती की शादी वैध नहीं है।

बता दें कि कटघोरा निवासी कॉलेज की छात्रा 21 अप्रैल 2025 को घर से कॉलेज जाने के नाम पर निकली और लापता हो गई। परिजनों की तलाश करने पर छात्रा नहीं मिली तो उन्होंने थाने में गुमशुदगी की शिकायत की। पुलिस की जांच के दौरान पता चला कि युवती को तौशीफ मेनन के साथ कोलकाता में देखा गया है, जहां कथित रूप से मस्जिद में निकाह कराया गया है। पुलिस ने दोनों को कोरबा लाकर पूछताछ की, फिर युवती को तौशीफ के घर भेज दिया गया।

हिंदू संगठनों के हस्तक्षेप पर युवती को कोरबा के सखी सेंटर में रखा गया। तौशीफ ने खुद को युवती का पति बताते हुए हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने 15 मई को याचिकाकर्ता को एक लाख रुपए की राशि जमा करने के निर्देश दिए थे। रकम जमा होने के बाद सोमवार को केस की सुनवाई हुई। युवती और उसके माता-पिता भी हाईकोर्ट में उपस्थित हुए थे। युवक पर नाम छिपाकर शादी करने, लव जिहाद का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद लड़की को सखी सेंटर में रखने के निर्देश दिए हैं।