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सुशासन तिहार में भारती देवांगन को मिला तत्काल श्रमिक कार्ड

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ShivApr 18, 20252 min read

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आरक्षक से मारपीट, फरार तीन आरोपी दुर्ग से गिरफ्तार, भेजे गए जेल

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हार्डवेयर व्यापारी के लाइसेंसी पिस्टल से चली गोली, ऑटो पार्ट्स दुकान संचालक की हालत गंभीर, इलाज जारी…

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ShivApr 18, 20251 min read

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April 18, 2025

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ऑनलाइन सट्टे पर हाईकोर्ट में सुनवाई : प्रतिबंध के बावजूद छत्तीसगढ़ में कंपनियां खिला रही सट्टा, कोर्ट ने गृह विभाग के सचिव से मांगा जवाब

बिलासपुर।  प्रदेश में ऑनलाइन सट्टे पर प्रतिबंध के बावजूद भी कंपनियां उल्लंघन कर रही है. पूरे मामले को लेकर एक जनहित याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लगाई गई है, जिसकी सुनवाई सोमवार को हुई. इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने राज्य शासन के गृह विभाग के सचिव से जवाब मांगा है. वही कंपनियों को भी नोटिस दिया गया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई. इस मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल, 2025 को तय की गई है.

दरअसल याचिकाकर्ता सुनील नामदेव ने अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से एक जनहित याचिका लगाई है. राज्य की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत, उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर और अधिवक्ता तुषार धर दीवान ने पक्ष रखा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमृतो दास ने कोर्ट को जानकारी प्रस्तुत किया कि छत्तीसगढ़ राज्य ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाता है और पैरा 8.6 में बताए अनुसार प्रतिवादी कंपनियां छत्तीसगढ़ राज्य में लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिनमें हाल ही में चल रहे आईपीएल के संबंध में कुछ विज्ञापन शामिल हैं.

इस मामले को संज्ञान लेते हुए बेंच ने निर्देश दिया कि इस मसले में न्यायालय की रजिस्ट्री में दाखिल किया जाए और अभिलेख पर लाया जाए. वहीं इसकी प्रति राज्य अधिवक्ता को भी दी जाए, जो इसका उत्तर भी दे सकते हैं. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए 24 घंटे का समय मांगा है. इसके अलावा चीफ जस्टिस की बेंच ने छत्तीसगढ़ राज्य के गृह विभाग के सचिव को मामले में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही प्रतिवादी को नियमानुसार प्रक्रिया शुल्क का भुगतान करने के लिए नोटिस जारी करने सहित राज्य अधिवक्ता को यह भी निर्देश दिया है कि वे उन्हें वर्तमान याचिका के लंबित रहने की सूचना दें।