Special Story

जनजातीय संस्कृति में भगोरिया हाट का है विशेष महत्व : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

जनजातीय संस्कृति में भगोरिया हाट का है विशेष महत्व : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivMar 10, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को बड़वानी जिले…

मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन से होगी रोजगार में वृद्धि : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन से होगी रोजगार में वृद्धि : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivMar 10, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को शिवपुरी में नवनिर्मित…

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को रायपुर से झारखंड ले गई पुलिस

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को रायपुर से झारखंड ले गई पुलिस

ShivMar 10, 20252 min read

रायपुर। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ काम करने वाला झारखंड का…

भिलाई में ED की टीम पर हमला : भूपेश बघेल के घर से बाहर निकलते ही समर्थकों ने फेंके ईंट-पत्थर

भिलाई में ED की टीम पर हमला : भूपेश बघेल के घर से बाहर निकलते ही समर्थकों ने फेंके ईंट-पत्थर

ShivMar 10, 20251 min read

दुर्ग।   छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित…

March 10, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

हाईकोर्ट में घरेलू हिंसा मामले में सुनवाई : पुणे में रहने वाले देवर-देवरानी पर लगे आरोप को किया खारिज, नाम हटाने के दिए निर्देश

बिलासपुर।  बिलासपुर उच्च न्यायालय में आज घरेलु हिंसा मामले में सुनवाई हुई. जिसमें देवर विशाल और उनकी पत्नी पर लगे घरेलू हिंसा के आरोपों को खारिज कर दिया गया है. कोर्ट ने नोटिस जारी कर दोनों का नाम हटाने के निर्देश दिया है. मामले में शिकायकर्ता ने पति के साथ देवर और देवरानी पर घरेलु हिंसा करने का आरोप लगाया था. कई आवेदन खारिज होने के बाद आज हाईकोर्ट से दोनों को राहत मिली है. 

दरअसल, बिलासपुर नगर निगम में कार्यरत विकास चौरसिया और सिम्स अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ जागृति तिवारी, दोनों पहले से तलाकशुदा है. मुलाकातों के बाद दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों ने एक दूसरे से शादी करने का फैसला किया. दोनों ने दूसरी शादी रचा ली. लेकिन कुछ समय के बाद दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई. आए दिन झगड़े होते रहते थे. जिसके बाद जागृति  ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट में पति विकास के साथ देवर-देवरानी पर घरेलु हिंसा का आरोप लगते हुए परिवाद प्रस्तुत किया.

कोर्ट ने नोटिस मिलने के बाद शिकायतकर्ता के देवर विशाल ने आवेदन जमा किया. जिसमें बताया गया कि वह और उनकी पत्नी दोनों पुणे में रहते हैं. माता के निधन की दुखद खबर मिलने पर बिलासपुर गए थे. इसके अलावा सालभर में बमुश्किल ही बिलासपुर जाना होता है. हमने किसी भी प्रकार की प्रताड़ना में शामिल नहीं हैं. लेकिन जेएमएफसी ने आवेदन खारिज कर दिया. इसके बाद सेशन कोर्ट से भी विशाल की अपील खारिज हो गई. दो अपील खारिज होने के बाद  पीड़ित विशाल ने एडवोकेट के माध्यम से हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन प्रस्तुत किया.

जिसमें कोर्ट को बताया गया कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 – 2 में स्पष्ट है कि जब संयुक्त रूप से रहते हुए साझा गृहस्थी होती है तब इस प्रकार का अपराध दर्ज हो सकता है. और इस मामले में दोनों ही आरोपी सुदूर पुणे में रहकर नौकरी करते हैं. उनका बिजली बिल और आधार कार्ड भी महारष्ट्र का है. पूरे मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शिकायकर्ता जागृति तिवारी को नोटिस जारी कर विशाल और उनकी पत्नी का नाम कार्रवाई से हटाने का निर्देश दिया है.