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सुशासन तिहार का असर: आवेदनों पर कार्रवाई शुरू, परिवहन विभाग ने विकास मिश्रा को जारी किया लर्निंग लाइसेंस

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ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार सभी जिलों में…

April 18, 2025

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छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं होंगी प्रभावित : बजट से छत्तीसगढ़ एनएचएम कर्मचारी मायूस, बड़े आंदोलन की बनाई रणनीति

रायपुर।    छत्तीसगढ़ के 25वें बजट में छत्तीसगढ़ एन.एच.एम. के 16 हजार कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी है. नियमितीकरण सहित लंबित 18 मांगों को पूरा करने के लिए बजट वित्त वर्ष 25-26 में किसी प्रकार की घोषणा नहीं हुई. अब  छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. कर्मचारी संघ  सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन करने की तैयारी में है. इससे प्रदेशभर की स्वास्थ्य सेवाएं बड़े स्तर पर प्रभावित होंगी.

दरअसल, छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. कर्मचारी संघ लंबे समय से नियमितीकरण सहित 18 बिंदु को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. पिछली सरकार ने एन.एच.एम. कर्मियों के वेतन में 27 प्रतिशत की राशि की बढ़ोतरी की घोषणा की थी. इस संबंध में संविदा कर्मचारी संघ ने विधायक, मंत्री सहित मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा, लेकिन अबतक निराकरण नहीं हो सका. 

प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित मिरी ने बताया कि बजट सत्र 2025-26 में एन एच एम कर्मचारियों के लिए क़ोई भी ठोस निर्णय नहीं आने से कर्मियों में अंदर-अंदर बड़ी योजना बना रहे हैं साथ ही विधानसभा का फिर से घेराव किया जा सकता हैं.

एन.एच.एम. कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अमित मिरि, प्रदेश मीडिया प्रभारी पूरन आनंद ने बताया कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तो इन एन एच एम कर्मियों के मांगो का समर्थन देने डॉ रमन सिंह, अरुण साव, विजय शर्मा, ओपी चौधरी, केदार कश्यप सहित भाजपा के तमाम दिग्गत नेता आये थे. प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर 100 दिवस के अंदर निराकरण की बात बोला गया था, जो 15 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया. इस सरकार के दूसरे बजट में इन कर्मियों को भारी अपेक्षा थी, 16000 हजार से भी अधिक एन एच एम कर्मियों के मांगो को बजट में समाहित कर राहत देंगे, लेकिन एनएचएम कर्मियों के लिए कुछ भी समाहित नहीं हैं, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश और निराशा है. 

प्रदेश में ट्रिपल इंजन की सरकार है, सरकार बदली चुनाव में बड़े-बड़े वादे हुए, लेकिन एन.एच.एम. कर्मचारी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की समस्या जस की तस बनी हुई हैं. 

ये हैं 18 सूत्रीय माँगे:-

1.नियमितिकरण.
2.एन.एच.एम. कर्मचारियों का पे-स्केल/ग्रेड-पे निर्धारण
3.लंबित 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि का भुगतान
4.विभिन्न पदों मे वेतन विसंगति
5.सेवा पुस्तिका निर्धारण
6.कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता
7.वेतन पुनरीक्षण
8.तबादला व्यवस्था मे अनियमितता
9.चिकित्सा परिचर्या
10.अवकाश नियम में बदलाव
11.अनुकंपा नियुक्ति
12.पदोन्नति का प्रावधान तथा भर्ती में एनएचएम कर्मचारियों को नियमित पाठ्यक्रम की बाघ्यता से छूट
13.अनुकंपा अनुदान राशि में वृद्धि
14.कार्य आधारित मूल्यांकन में रूके 05 प्रतिशत वेतन-वृद्धि का भुगतान
15.चिरायु योजना के तहत् कार्य कर रहे एम.एल.टी. के वेतन विसंगति
16.ई.पी.एफ. का लाभ
17.मुख्यालय निवास नियम में बदलाव
18.शासकीय आवास का आबंटन