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भारतीय सेना पर देश और दुनिया को है गर्व : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 19, 20253 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि पूरे देश…

सभी के लिए प्रेरणादायी है मन की बात कार्यक्रम : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 19, 20253 min read

भोपाल।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की…

पगड़ी की जगह हेलमेट पहनकर निकले पांच दिव्यांग दूल्हे, बाराती बनी पुलिस

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ShivJan 19, 20251 min read

धमतरी। धमतरी जिले में आज एक अनोखी शादी का आयोजन किया…

महाकुंभ मेला क्षेत्र में लगी भयानक आग, फटे सिलेंडर, कई टेंट जलकर हुए खाक

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ShivJan 19, 20252 min read

प्रयागराज।  महाकुंभ मेला क्षेत्र के शास्त्री ब्रिज सेक्टर-19 कैंप में…

January 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मोक्षित कार्पोरेशन उपकरण सप्लाई पर स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल का बड़ा बयान, कहा- बजट के बिना दिया आर्डर, आईएएस अधिकारियों की कमेटी करेगी जांच

रायपुर-  मोक्षित कार्पोरेशन द्वारा रीएजेंट और उपकरण सप्लाई के मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आवश्यकता से अधिक सप्लाई की गई है. बजट के बिना ऑर्डर दिया गया है. आईएएस लेवल के अधिकारियों की कमेटी जांच करेगी. जांच के बाद आई रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. 

स्वास्थ्य विभाग और सीएजी की टीम के बीच समीक्षा बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य संचालक, मिशन संचालक, CGMSC MD मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज़ लेकर बैठक में मौजूद थे. स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि ऑब्जर्वेशन ऑडिट के बाद अब सीएजी ने जाँच शुरू कर दी है. लगभग 400 करोड़ का देनदारी बाकी है. भुगतान रोक दी गई है.

बता दें कि 660 करोड़ रुपए के गोल-माल को लेकर भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था. लेखा परीक्षा की टीम CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो पाया कि कंपनी से बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी.

ऑडिट में पाया गया है कि दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया. जिस हॉस्पिटल में जिस केमिकल और मशीन की जरूरत नहीं वहां भी सप्लाई कर दिया गया. प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी.