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छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

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लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग सचेत, बचाव, इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी, जानिए क्या है लू के लक्षण…

रायपुर।  स्वास्थ्य संचालनालय ने सभी मुख्य चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को लू के प्रबंधन और बचाव के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है. वैश्विक तापमान में औसत रूप से वृद्धि के कारण छत्तीसगढ़ में गर्मी बढ़ने और लू चलने की संभावना जताई गई है. इससे बचाव के लिए आठ अलग-अलग बिंदुओं में दिशा निर्देश दिए गए हैं.

लू से बचाव के उपाय बताया गया है. साथ ही लू लगने पर किए जाने वाला प्रारंभिक उपचार की जानकारी दी गई है. अस्पतालों में व्यवस्था, दवाई को उपलब्ध कराना, सूचना तंत्र मजबूत करने और प्रमुखता से प्रचार-प्रसार करने के कहा गया है. साथ ही नियमित समीक्षा के साथ दैनिक प्रतिवेदन के लिए आदेश जारी किया गया है.

लू के लक्षण

1. सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना

2. तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना

3. चक्कर और उल्टी आना

3. कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना

5. शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का ना आना

6. अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना

7. भूख कम लगना

8. बेहोश होना

लू से बचाव के उपाय

लू लगने का मुख्य कारण तेज धूप और अत्यधिक गर्मी में लंबे समय तक रहने से शरीर में पानी की कमी होना है. इससे बचाव के लिए इन उपायों को अपनाना जरूरी है.

1. बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जाए

2. धूप में निकलने से पहले सर व कानो को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले

3. पानी अधिक मात्रा में पीये

4. अधिक समय तक धूप में न रहे

5. गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपडे पसीने को सोखते रहे

6. अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीये

7. चक्कर आने, मितली आने पर छाया दार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें

8. प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निः शुल्क परामर्श लिया जावें

9. उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरुरी सलाह ज़रूर लें

लू लगने पर क्या होगा उपचार ?

1. बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाए

2. अधिक पानी और पेय पदार्थ पिलावें जैसे कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि

3. पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा दें

4. शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहे

5. पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए लेकर जाए

6.मितानिन / ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. की पैकेट के लिए संपर्क करें

अस्पतालों में व्यवस्था

राज्य के सभी शासकीय चिकित्सालय में लू के प्रबंधन के लिए निर्देश :-

1. बाहय रोगी विभाग में आने वाले सभी मरीजों में लू के लक्षण की जाँच अवश्य करें

2. प्रत्येक अस्पतालों में कम से कम दो बिस्तर इन मरीजों के लिए आरक्षित किया जाए

3. वार्ड में शीतलता के लिए कूलर एवं अन्य व्यवस्था की जाए

4. बाह्य रोगी कक्ष में बैठने की उचित प्रबंध के साथ ठंडे पेय जल की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए

5. प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी अनिवार्य रुप से दी जावे, कि प्यास अनुसार पानी अवश्य पिये, छोटे बच्चों को कपडें से ढककर छाया वाले स्थान पर रखे

6. बाह्य रोगी विभाग में आने वाले सभी मरीजों का लू के लक्षण की जॉच अवश्य करें

7. प्राथमिक उपचार कक्ष में ओ.आर.एस. कार्नर बनाया जाए

8. बाह्य रोगी के ऐसे मरीज जिन्हें उपचार पश्चात वापसी के लिए अधिक दूरी जाना है, को आवश्यकता अनुसार ठहरने की व्यवस्था किया जाए

9. पर्याप्त मात्रा में इन्द्रा वेनस फ्लूड, ओ.आर.एस. पैकेट, बुखार की दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करें

10. अत्यधिक गर्मी से पीड़ित बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों के ईलाज के लिए अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्था करें

11. सभी जिला तथा ब्लाक मुख्यालयों में कण्ट्रोल रूम स्थापित किया जाये

12. अत्यधिक प्रभावित स्थानों को चिन्हांकित किया जावे तथा उनके प्रबंधन के लिए मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था की करें