Special Story

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना भाजपा सरकार की प्राथमिकता: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना भाजपा सरकार की प्राथमिकता: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

ShivApr 20, 20251 min read

रायपुर।  रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने रविवार को राजधानी रायपुर…

कांग्रेस विधायक के पीएसओ ने सर्विस राइफल से खुद को मारी गोली, आत्महत्या का कारण अज्ञात…

कांग्रेस विधायक के पीएसओ ने सर्विस राइफल से खुद को मारी गोली, आत्महत्या का कारण अज्ञात…

ShivApr 20, 20251 min read

बलौदाबाजार। भाटापारा कांग्रेस विधायक इंद्र साव की सुरक्षा में तैनात…

नौवीं की छात्रा से दुष्कर्म, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, शिक्षक समेत एक अन्य पर FIR दर्ज

नौवीं की छात्रा से दुष्कर्म, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, शिक्षक समेत एक अन्य पर FIR दर्ज

ShivApr 20, 20251 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। स्कूल में मानवता को शर्मसार करने वाला एक सनसनीखेज…

April 20, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

जाने का किराया रखे हो ?- मुख्यमंत्री ने पहुना पहुंचे कोरवा आदिवासियों से बड़ी आत्मीयता से पूछा, फिर अपनी जेब से निकाल कर दिया यात्रा खर्च

रायपुर।   ‘वैष्णव जन तो तेने रे कहिए जे पीड़ पराई जाणे रे’- बापू के इस प्रिय भजन में जिस वैष्णव भाव का ज़िक्र है, वो लोकधर्म की नींव है। इससे सुखद और क्या होगा कि जनता लोकतंत्र में जिन्हें अपना प्रतिनिधि चुने वे अपने पास आये पिछड़े से पिछड़े व्यक्ति के साथ इस लोकधर्म का पालन करे। 

लोगों के दुख दर्द को समझने का ऐसा ही वैष्णव भाव छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के अंदर भी है, जो उनसे मिलने वालों के दिलों को छू जाता है। इसी की बानगी एक बार फिर दिखाई दी, जब मुख्यमंत्री श्री साय ने जशपुर के दूरस्थ ग्राम- बटईकेला से आये कोरवा आदिवासियों के उन भावों को भी समझ लिया जो संकोचवश वे व्यक्त करने से कतरा रहे थे। मुख्यमंत्री ने पहुना पहुंचे कोरवा आदिवासियों से बड़ी आत्मीयता से पूछा- जाने का किराया रखे हो ? और फिर अपनी जेब से निकाल कर उन्हें यात्रा खर्च दिया। साथ ही कहा कि आज रात यहीं रुको, कल खाना खाकर ही जाना। 

दरअसल कल देर रात जब बस्तर और राजिम के दिन भर के व्यस्त कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री श्री साय पहुना पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि तीन कोरवा आदिवासी ग्रामीण उनसे मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। रात्रि के तकरीबन सवा बारह बज गए थे। मगर ये जानकर कि जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक के कोरवा आदिवासी लम्बी दूरी का सफर कर उनसे मिलने आये हैं, मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें अपने कक्ष में बुलवाया। नंगे पांव आये कोरवा बिशुन राम, बालकिशुन राम और अजीर साय मुख्यमंत्री के कक्ष में दाखिल हुए। मुख्यमंत्री ने बड़े ध्यान से उनकी समस्या को सुना और हर सम्भव मदद के लिए आश्वस्त किया। 

मगर फिर जो हुआ उसकी कल्पना भी इन ग्रामीणों ने नहीं की थी। मुख्यमंत्री श्री साय ने सबसे पहले उनसे पुछा- खाना खाए हो ? जब उन्होंने बताया कि पहुना में ही उन्हें भोजन कराया गया है। तो मुख्यमंत्री ने पूछा कि रायपुर कब आये और किस रूट से आये हो? उन्होंने बताया कि कल वे बटईकेला से रायगढ़ बस से आये और रायगढ़ से ट्रेन के जनरल बोगी का टिकट लेकर रायपुर आये हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बड़ी ही आत्मियता से उनसे पूछा- जाने का किराया रखे हो ? इस प्रश्न के जवाब में ग्रामीण चुप रहे। मगर मुख्यमंत्री श्री साय ने इस खामोशी के पीछे के उन भावों को भी पढ़ लिया जिसे वे व्यक्त करने से कतरा रहे थे। मुख्यमंत्री ने अपनी जेब से निकाल कर उन्हें यात्रा खर्च दिया और कहा कि आज रात आप यहीं रुको और कल खाना खाकर ही जाना। मुख्यमंत्री श्री साय की इस सहृदयता ने इन कोरवा आदिवसियों के दिल को छू लिया। 

पुराने साथी को पहचान कर स्नेहभाव में कहा- अब तैं बुढ़ा गए हस

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बहुत साल बाद मिल रहे पुराने साथी अजीर साय को पहचान लिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें याद दिलाया कि मैं तोर साथ भोपाल गए रहेन। अजीर साय ने बताया कि वे कोरवा आदिवासियों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से कई साल पहले तब मिले थे जब वे विधायक थे। उस समय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उन्हें अपने साथ लेकर भोपाल लेकर गए थे और तत्कालीन सरकार के मंत्रियों से उन्हें मिलवा कर कोरवा आदिवासियों की बात रखी थी। मुख्यमंत्री ने अजीर साय से स्नेहभाव में कहा कि अब तैं बुढ़ा गए हस। इस बात को सुनकर सभी खिलखिला उठे। 

युवा कोरवा  बिशुनराम और बालकिशुन राम का हौसला बढ़ाया

मुख्यमंत्री श्री साय ने पहुना आये कोरवा आदिवासी युवा बिशुनराम और बालकिशुन राम से उनका हाल चाल जाना और उनकी शिक्षा के बारे में पूछा । किशुन ने बताया कि उन्होंने बीएससी किया है और किशुनराम ने एमएससी। दोनों ने कम्प्यूटर का भी कोर्स किया है।  मुख्यमंत्री श्री साय ने इन आदिवासी युवाओं के जज़्बे और योग्यता की सराहना की और उनका हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना दी। 

मुख्यमंत्री ने लंबे लोकजीवन में समझा है लोगों का सुख-दुख, लगा रहता है मिलने वालों का तांता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की खासियत है कि वे हर तबके के व्यक्ति के दुख सुख को बहुत गहनता से समझते हैं। जनप्रतिनिधि के रूप में उनका लम्बा कार्यकाल रहा है। वे सरपंच से लेकर केंद्रीय मंत्री और अब मुख्यमंत्री रहते हुए लोगों की समस्याओं को हर स्तर पर रूबरू हुए हैं । यही कारण है जबसे उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार सम्भाला है, प्रदेश भर से उनसे मिलकर अपनी समस्या रखने वालों का तांता लगा रहता है। उनसे मिलने वालों को उनका आत्मीय भाव छू जाता है।