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नक्सल सेल को मिली बड़ी सफलता: 6 नक्सलियों ने सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ने का लिया निर्णय, एक पर था 2 लाख का इनाम

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ShivJan 21, 20251 min read

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January 21, 2025

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भव्य सशस्त्र सैन्य समारोह: सैन्य प्रदर्शनी में दिखे आर्मी के आधुनिक हथियार

रायपुर। राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित तीन दिवसीय भव्य सशस्त्र सैन्य समारोह में 100 से अधिक हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस समारोह में भीष्म टी-90 टैंक और स्ट्रेला-10 एमएम वेपन सिस्टम आकर्षण बने हुए हैं. इसके साथ ही सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र ब्लैक हॉर्नेट ड्रोन बना हुआ है जो सबसे छोटा है और दुश्मनों की हर चाल पर निगरानी रखता है. इस ड्रोन की कीमत करीब 2 करोड़ रुपये है.

ब्लैक हॉरनेट ड्रोन

ब्लैक हॉर्नेट ड्रोन दुश्मन के ठिकानों पर जाकर पूरी तरह से रेकी करता है. दुश्मन क्या कर रहा है और क्या नहीं पूरी तरह से नजर रखा जाता है. इसे जवान कंट्रोल करते हैं. करीब 2 किलोमीटर तक ब्लैक हॉरनेट काम करता है और साइज में सबसे छोटा हथियार माना जाता है.

ब्लैक हॉर्नेट-3 यूएसए मेड ड्रोन है, जिसे पॉकेट में भी आसानी से रखा जा सकता है. इसकी डिजाइन हेलीकॉप्टर की तरह है. देश में उपयोग किए जाने वाले ड्रोन में यह सबसे छोटा है. इस ड्रोन की रेंज 3 किमी है और स्पीड 6 मीटर प्रति सेकंड है. इसमें 25 मेगा पिक्सल कैमरा लगा हुआ है जो आसानी से दुश्मनों के मूवमेंट को कैप्चर कर सकता है.

भीष्म टी-90

भीष्म टी-90 टैंक के साथ स्ट्रेला-10 एमएम वेपन सिस्टम आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यह सिस्टम एयरक्राफ्ट को मार गिराने की क्षमता रखता है. रूस में तैयार किया गया यह एयर डिफेंस सिस्टम है. ये टैंक की तरह दिखता है, लेकिन है नहीं. जंग के समय पैदल सैनिकों पर हवाई हमले के दौरान यह सिस्टम दुश्मन के दांत कठोर कर सकता है. जब कोई हेलिकॉप्टर या जेट फाइटर थोड़ा नीचे आकर निशाना लगाता है, तब स्ट्रेला मिसाइल छोड़कर उसे नष्ट कर देता है.

इसमें आप्टिकल और इंफ्रारेड गाइडेंस का भी इस्तेमाल किया गया है. वहीं टैंक की बाम तरह दिखने वाले बीएमपी व्हीकल व्यर में छह जवान बैठते हैं. इसमें भी व मिसाइल लगी होती है. ये दलदल या में गहरे पानी में तैरकर भी जवानों को के दूसरी ओर पहुंचाता है. करीब दो किलोमीटर तक ये भीष्म टी-90 दुश्मन के पूरे एरिया को ध्वस्त कर सकता है.

7.62 एमएम मीडियम मशीन गन

7.62 एमएम एक मीडियम रेंज की मशीनगन है. जिसका प्रयोग पर्वतीय इलाके में किया जाता है. ये पूरी तरह से स्थचालित एया कुराड, बेल्ट फेड, गैस संचालित हथिया है. इसका वजन 11 किलो और इसके बैरल का वजन 3 किलो होता है. ये एक मिनट में 650 से 1000 गोली फायर कर सकता है. इसकी रेंज 1800 मीटर है.

साको स्नाइपर राइफल (Sako TRG)

साको स्नाइपर राइफल फिनलैंड में बनी एडवांस लाइन है. इसको इफेक्टिव रेंज लगभग 1500 मीटर है. इसकी muzzle velocity 900 मीटर पर सेकंड है और इसकी लेंथ 1200mm है.

त्रिनेत्र ड्रोन (Trinetra Drone)

यह हल्के वजन का गन है. निगरानी और अभियानों के लिए बनाया गया ड्रोन है. 1,325 ग्राम का यह ड्रोन 6 से 10 किमी की रेंज तक उड़ सकता है. इसकी खास बात यह है कि बैटरी डाउन होने की स्थिति में यह ऑटोमेटिक ही अपने स्टेशन तक पहुंच जाता है. यानी सेंटर से दूरी के अनुसार बची हुई. बैटरी के अनुसार यह अनुमान लगा लेता है और सेंटर तक पहुंच जाता है. यह ड्रोन सेना में 2025 में शामिल होगा.

84 एमएम आरएल एमके

84 एमएम आरएल एमके स्वीडन का बना हथियार है. इसका वजन 7 किलो और लंबाई 1 मीटर है. यह एंटी टैंक, एंटी पर्सनल, सभी प्रकार के गोला-बारूद का उपयोग वाहनों, लोडिंग क्राफ्ट, कॉन्क्रीट बंकर के अलावा दिन है के वक्त धुंआ और रात के वक्त रोशनी देने के के काम में लाया जाता है.

एमएम यूबीजीएल

यह एक तरह का ग्रेड लॉन्चर है. जिसे एके 47 और इंसास राइफल में उपयोग किया जा सकता है. इसे राइफल के साथ अटैच कर दिया जाता है. इससे आसानी से सैतिक गोली चलाने के साथ ही जरूरत के समय ग्रेनेड भी चला सकता है. इसका फायदा यह कि यदि कोई दुश्मन किसी दीवार या पत्थर के पीछे छुपा है. तो उस एरिया को आसानी से डिस्ट्रॉय किया जा सकता है.