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निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस में भीतरघात का आरोप, ब्लॉक अध्यक्ष का पत्र हुआ वायरल

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ShivJan 23, 20252 min read

रायपुर।  कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर जारी बैठकों के…

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मुख्यमंत्री श्री साय ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें किया नमन

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ShivJan 23, 20251 min read

रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम…

गणतंत्र दिवस और महात्मा गांधी निर्वाण दिवस पर मांस-मटन की बिक्री पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध

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रायपुर।  रायपुर नगर निगम क्षेत्र में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस…

January 23, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए राज्यपाल रमेन डेका

रायपुर।    हमारा संविधान दुनिया का सबसे सुंदर संविधान है। दुनिया के 60 देशों के संविधान का अध्ययन कर हमारे संविधान का निर्माण हुआ है। संविधान को केवल पढ़े नहीं बल्कि इसे समझे और इसका पालन करें। यह उद्गार राज्यपाल रमेन डेका ने आज संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किया।

श्री बालाजी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल एवं कॉलेज रायपुर के ऑडिटोरियम में आयोजित संगोष्ठी मे राज्यपाल श्री डेका बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। श्री डेका ने संगोष्ठी में भारत के संविधान के संबंध में अपने प्रासंगिक विचार रखे। उन्होंने संविधान की विभिन्न धाराओं के तहत उल्लेखित नियमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बीते 75 वर्षाे की यात्रा में बहुत चुनौतियां रही, इसलिए समय-समय पर संविधान में कई संशोधन किए गए जो देश की बदलती जरूरतों के अनुसार आवश्यक थे। किन्तु इन परिवर्तनों के बावजूद संविधान की मूलभावना, समानता, स्वतंत्रता और न्याय अक्षुण्ण रही। यह हमारे संविधान की अद्वितीय विशेषता है कि यह स्थिरता और लचीलापन दोनों का संतुलन बनाए रखता है।

राज्यपाल ने कहा कि भाषण की स्वतंत्रता हमारे संविधान ने हमें दी है। लोकतंत्र में राजनीति का बहुत महत्व है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संविधान में प्रावधान किए गए है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को राजनीति में भागीदारी करना चाहिए। महिलाओं में नेतृत्व क्षमता और सही निर्णय लेने की क्षमता तथा ज्ञान होना आवश्यक है जिससे महिलाएं सशक्त होंगी।

संगोष्ठी में उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने भी अपना उद्बोधन दिया। उन्होेंने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद देश आजाद हुआ और संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा बनाई गई। सभा के 284 सदस्यों ने संविधान के प्रारूप का अनुमोदन किया फिर 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत किया गया। मूल संविधान अंग्रेजी में था, छत्तीसगढ़ के श्री घनश्याम दास गुप्ता के नेतृत्त्व में उसका हिन्दी अनुवाद हुआ। यह हमारे लिए गर्व की बात है। श्री साव ने कहा कि आज भारत दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है इसका मूल कारण हमारा संविधान ही है।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता ‘‘हमारा संविधान भाव एवं रेखांकन‘‘ तथा ‘‘संविधान की जन्म कथा‘‘ पुस्तकों के लेखक लक्ष्मीनारायण भाला ने संविधान निर्माण के इतिहास को रेखांकित किया। उन्होंने प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने के सरकार के निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया। स्वागत उद्बोधन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता धनीराम पटेल ने दिया।

इस अवसर पर बसना के विधायक संम्पत अग्रवाल, पवन साय, बालाजी ग्रुप के चेयरमैन डॉ. देवेन्द्र नायक, एमडी डॉ. नीता नायक, संचालक डॉ. वीरेन्द्र पटेल, डॉ. नितिन पटेल,एवं अन्य अधिकारी, प्रबुद्धजन तथा छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।