Special Story

सीएम राइज स्कूल कहलाएंगे अब सांदीपनि विद्यालय : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

सीएम राइज स्कूल कहलाएंगे अब सांदीपनि विद्यालय : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 1, 20257 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश…

“मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा” प्रारम्भ करने की स्वीकृति

“मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा” प्रारम्भ करने की स्वीकृति

ShivApr 1, 20259 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को…

April 1, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

व्हाइट कोट सेरेमनी के अवसर पर नवप्रवेशित चिकित्सा छात्रों के चिकित्सा आचार संहिता की शपथ ग्रहण सामरोह में शामिल हुए राज्यपाल रमेन डेका

रायपुर।    पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर में एम. बी. बी. एस. प्रथम वर्ष में नव प्रवेशित विद्यार्थियों को चिकित्सा आचार संहिता की शपथ दिलाने के लिए ‘‘व्हाइट कोट सेरेमनी’’ का वृहद गौरवशाली आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य के राज्यपाल रमेन डेका की गरिमामयी उपस्थिति रही। पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि एम. बी. बी. एस. प्रथम वर्ष के नवप्रवेशित 230 छात्र – छात्राओं को राज्यपाल महोदय की उपस्थिति में चिकित्सा आचार संहिता महर्षि चरक शपथ दिलाया जाना महाविद्यालय के लिए बड़े गौरव की बात हैं। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल ने मेडिकल प्रोफेशन के क्रियान्वयन के समय निभाये जाने वाले नैतिक मूल्यों और आदर्शों की जानकारी दी। डॉ. नेरल ने कहा कि मरीज दवाइयों के अलावा एक आदर्श चिकित्सक से अपनत्व, मुस्कुराहट और मित्रवत व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं। मेडिकल साइंस सभी विज्ञानों में सबसे अधिक मानवीय और सभी मानविकी में सबसे अधिक वैज्ञानिक होता है। एक डॉक्टर ताउम्र विद्यार्थियों की तरह सीखता रहता है।

अधिष्ठाता डॉ. विवेक चौधरी ने चरक आचार संहिता की शपथ विद्यार्थियों को दिलाई, उनके द्वारा कहे गए शब्दों को नवप्रवेशित 230 छात्र-छात्राओं ने अपना दाहिना हाथ उठाकर दोहराया।

मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेन डेका ने चिकित्सा छात्रों को व्हाइट कोट समारोह की महत्ता बताते हुए कहा कि आज आपने जो शपथ लिया है उसका सदैव स्मरण करना अति आवश्यक है। चिकित्सा का क्षेत्र सेवा के साथ-साथ एक गरिमामयी प्रोफेशन है जिसमें ‘‘यह व्हाइट कोट बेदाग रहे,’’ इस बात का ध्यान रखना आवश्यक होता है। चरक संहिता एवं व्यक्तिगत जीवन से जुड़े कुछ अनुभवों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक चिकित्सक को बीमारी के मूल कारणों (रूट कॉज ऑफ डिजीज) को जानने की कला में निपुण होना चाहिए। बतौर चिकित्सक मरीज के गोल्डन ऑवर में जीवन रक्षा के लिए बेहतर निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। राज्यपाल ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों के चिकित्सा सेवा, साहस और कार्य की सराहना करते हुए कहा कि आप सभी ने मानव सेवा के लिए जो कुछ भी किया वह अतुलनीय है।

राज्यपाल के उद्बोधन पश्चात विद्यार्थियों द्वारा अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों का ज़िक्र करते हुए ‘‘हम तुम्हारे साथ हैं, वी आर द डॉक्टर्स, वी आर आलवेज देयर फार यू” की संगीतमय प्रस्तुति दी गई। एम. बी. बी. एस. चिकित्सा पाठ्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया।