Special Story

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

ShivApr 19, 20251 min read

दुर्ग।   छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस को नशे के…

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

रायपुर।    राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों…

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सरकार की सख्ती : बगैर सूचना छुट्टी पर गए कलेक्टर को लगी फटकार, तत्काल वापस बुलाए गए

रायपुर। प्रशासनिक कामकाज में सख्ती लाने में जुटी साय सरकार ने बगैर सूचना छुट्टी पर गए एक कलेक्टर की खिंचाई की है. मालूम चला है कि कलेक्टर को पहले जमकर फटकार लगाई गई और इसके बाद अल्टीमेटम दे दिया गया कि दोबारा ऐसी लापरवाही बरतने पर उन्हें कलेक्टरी से विदाई दे दी जाएगी. इसी तरह शुक्रवार को देरी से दफ्तर पहुंचने वाले कलेक्टरों को भी अनुशासन की घुट्टी पिलाई गई है. सीएम सचिवालय ने यह मालूम किया कि जिलों में कलेक्टर वक्त पर दफ्तर पहुंचे या नहीं? इस पूछताछ में यह जानकारी सामने आई थी कि तीन जिलों के कलेक्टर दफ्तर में नहीं है. सचिवालय को यह भी खबर मिली कि कलेक्टर अपने घर पर हैं. सीएम सचिवालय के एक आला अफसर ने उन कलेक्टरों को फोन कर सुशासन का पाठ पढ़ाया है.

गौरतलब है कि सीएम सचिवालय इन दिनों मंत्रालय से लेकर जिलों तक अफसरों के कामकाज की कड़ी निगरानी कर रहा है. कौन अफसर कब दफ्तर पहुंचा? कौन फिल्ड पर दौरे कर रहा है? किस अफसर के खिलाफ किस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं? इन सबका हिसाब रखा जा रहा है. साय सरकार प्रशासनिक कसावट लाने के इरादे से काम करती दिख रही है. प्रशासनिक कसावट लाने का यह जिम्मा सीएम सचिवालय के अफसरों सौंपा गया है.

इसकी शुरुआत पहले मंत्रालय से की गई. सचिवों के मंत्रालय पहुंचने का वक्त निर्धारित किया गया. बाकायदा हाजिरी रजिस्टर में यह दर्ज किया जाने लगा कि कौन से अफसर कितने बजे मंत्रालय पहुंचे. शुरुआती एक-दो दिन ढिलाई बरतने वाले अफसरों को इशारों-इशारों में वक्त पर मंत्रालय पहुंचने की नसीहत भी दी गई. मंत्रालय में सख्ती बरतने के बाद जिलों में कलेक्टरों पर समय की पाबंदी का फरमान जारी हुआ. कई कलेक्टरों ने इसे गंभीरता लिया और कई कलेक्टर दो-चार दिन की सख्ती समझ लापरवाही पर उतर आए. अब लापरवाही बरतने वाले यही कलेक्टर सीएम सचिवालय के रडार पर हैं. परफार्मेंस दुरुस्त नहीं हुआ, तो यह तय है कि अगली तबादला सूची में उन कलेक्टरों का विकेट जरूर उखड़ जाएगा.

फरफार्मेंस होगा आधार

सीएम सचिवालय की नई व्यवस्था में अफसरों के कामकाज पर जिस तरह से नजर रखी जा रही है, उससे साफ है कि परफार्मेंस ही अच्छी पोस्टिंग का आधार बनेगा. पूर्ववर्ती सरकार में प्रशासनिक कामकाज में आई गिरावट के बाद साय सरकार इस विषय पर गंभीर है. जिलों में कलेक्टर हो या एसपी. टीम लीड करने वाले ऐसे चेहरे विशेष तौर पर कड़ी निगरानी में रखे गए हैं. कलेक्टर-एसपी ही जिले में सरकार का चेहरा होते हैं, ऐसे में सरकार नान परफार्मर चेहरों को जिलों में बिठाकर रखने के मूड में नजर नहीं आ रही.