राष्ट्रपति से सरगुजा संभाग की छात्राओं ने की सौजन्य मुलाकात
रायपुर। राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से सरगुजा संभाग के सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर और बलरामपुर जिले की पांच छात्राओं ने रक्षाबंधन के अवसर पर सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बच्चों से शैक्षणिक और अन्य शालेय गतिविधियों की जानकारी लेकर उनका उत्साह वर्धन किया। उन्होंने सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामना दी। सरगुजा संभाग के विद्यार्थियों ने इस अविस्मरणीय क्षण के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात के लिए विद्यार्थियों का चयन विद्यार्थियों की शेैक्षणिक गतिविधियों के साथ साथ खेल, संगीत तथा अन्य शालेय गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर किया गया। चयनित विद्यार्थियों में सरगुजा से कस्तूरबा आवासीय विद्यालय लखनपुर की छात्रा ज्योति, जशपुर जिले से रिया एवं रजनी चौहान, सूरजपुर से नंदिनी किंडो और बलरामपुर जिले से प्रशंसा शामिल रहीं। राज्य शासन द्वारा सरगुजा संभाग के बच्चों के साथ प्रभारी के रूप में अधीक्षिका अनुराधा सिंह का चयन कर दिल्ली भेजा गया।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु द्वारा छात्राओं से मुलाक़ात के दौरान उन्हें रक्षाबंधन की बधाई दी गई तथा रक्षाबंधन पर्व के महत्व के बारे में बताते हुए छात्राओं से उनकी पढ़ाई और जीवन के लक्ष्य के बारे में जानकारी लेकर लक्ष्य प्राप्ति हेतु ईमानदारी से प्रयास का सुझाव दिया गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति, यहां के प्राकृतिक सौंदर्य तथा अन्य विशिष्टता के बारे में छात्राओं से जानकारी ली। छात्राओं ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को राखी बाँधते हुए उपहार भी दिए। पहली बार राष्ट्रपति से मुलाकात और देश की राजधानी नई दिल्ली के महत्वपूर्ण स्थलों के भ्रमण से छात्राएं काफ़ी रोमांचित तथा उत्साहित रहीं।
सरगुजा संभाग के विद्यार्थी कल रायपुर वापस लौटी। छात्राओं ने एमडी समग्र शिक्षा संजीव झा एवं एससीईआरटी डायरेक्टर राजेंद्र कटारा, उप संचालक समग्र शिक्षा राजेश सिंह एवं अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और राष्ट्रपति भवन एवं दिल्ली की सुनहरी यादों सहित पहली विमान यात्रा के अनुभव को शेयर करते हुए अवसर को प्रदाय करने के लिये मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित प्रशासन के आलाअधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी बच्चों की हौसला आफ़ज़ाई करते हुए भविष्य में भी शैक्षणिक के साथ-साथ शैक्षिणेत्तर गतिविधियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया।