भारत को वैश्विक वित्तीय केंद्र बनाने की दिशा में एक कदम है गिफ्ट सिटी – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी)एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, यह भारत को वैश्विक वित्तीय केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार आकार ले रही गिफ्ट सिटी निवेशकों को बेहतर अवसर प्रदान करने के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी। इसके माध्यम से भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक मानकों से तालमेल रखते हुए मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में प्रभावी रूप से गतिविधियों का संचालन करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुजरात के गांधी नगर में साबरमती नदी के किनारे स्थित भारत की पहली ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, भारत का फाइनेंशियल गेट-वे और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र ‘गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी’ (गिफ्ट सिटी) का अवलोकन कर अधिकारियों से चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गिफ्ट सिटी में स्वच्छता के लिए की गई व्यवस्था के संबंध में विशेष रूप से जानकारी प्राप्त करते हुए ऑटोमेटेड गारबेज एंड वेस्ट कलेक्शन सिस्टम और वेस्ट टनल का अवलोकन किया।
उल्लेखनीय है कि गांधी नगर, गुजरात में स्थित गिफ्ट सिटी का पूरा नाम गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी सिटी है। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर भारत को वैश्विक वित्तीय केंद्र बनाने उद्देश्य से विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में स्थापित गिफ्ट सिटी को वर्ष 2007 में भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई। यहां प्रमुख वित्तीय सेवाओं, जैसे बैंकिंग, बीमा, वित्तीय बाजार और तकनीकी सेवाओं के लिए आदर्श वातावरण उपलब्ध है। गिफ्ट सिटी में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार की स्थापना की गई है, जहाँ वैश्विक निवेशक अपनी व्यापारिक गतिविधियाँ और निवेश कर सकते हैं। अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट सिटी तकनीक और हरित ऊर्जा प्रणालियों से युक्त गिफ्ट सिटी में उच्च गुणवत्ता वाले कार्यालय, आवासीय परिसर, होटल और मनोरंजन सुविधाएं उपलब्ध हैं।
सीएम डैशबोर्ड नागरिक सुविधा के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का उत्कृष्ट उदाहरण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सरकार के कामकाज को बेहतर बनाने और नागरिक सुविधा व जनसामान्य के जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का मुख्यमंत्री डैशबोर्ड एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गांधीनगर में गुजरात सीएम डैशबोर्ड की कार्यप्रणाली का अवलोकन करने तथा उसके संचालन संबंधी जानकारी प्राप्त करने के बाद उक्त विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ई-गवर्नेंस एप्लीकेशन, वेब सर्विसेज, कॉल सेंटर, ग्राम और तालुका स्तर से डाटा कलेक्शन, डाटा इंटीग्रेशन, डाटा वैलिडेशन, परफॉर्मेंस मेजरमेंट, फीडबैक सिस्टम और फीडबैक के आधार पर हितग्राही संतुष्टि से अवगत होने के लिए स्थापित व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पारदर्शिता बढ़ाने और वास्तविक समय में डेटा प्राप्त करने में सहायक
उल्लेखनीय है कि गुजरात सीएम डैशबोर्ड एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है। यह राज्य सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों, योजनाओं और प्रगति की निगरानी और मूल्यांकन में सहायक है। यह डैशबोर्ड राज्य के प्रशासन को पारदर्शी, प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। डैशबोर्ड पर योजनाओं की निगरानी और उनकी प्रगति का आंकलन किया जाता है, इससे यह सुनिश्चित होता है कि योजनाएं समय पर और प्रभावी तरीके से लागू हो रही हैं। डैशबोर्ड पर विभिन्न सरकारी विभागों के प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों को ट्रैक भी किया जाता है, यह संकेतक राज्य के विकास और प्रशासन की गति को मापने में सहायक हैं। डैशबोर्ड पारदर्शिता को भी बढ़ावा देने और वास्तविक समय में डेटा प्राप्त करने में सहायक है। डैशबोर्ड स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क निर्माण व अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार और बेहतर प्रदर्शन में भी सहायक है।
अधिकारियों के साथ हुई बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गांधीनगर प्रवास के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। चर्चा के दौरान निजी भागीदारी चिकित्सा महाविद्यालय बनाने की नीति, छोटी नगर विकास योजनाओं के माध्यम से शहरों के सुव्यवस्थित विकास, पेट्रोकेमिकल्स एवं फार्मास्यूटिकल्स निवेश को बढ़ावा देने, ऊर्जा क्षेत्र में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन नीति, राज्य परिवहन तथा पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप (PPP) के माध्यम से दूरस्थ एवं ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने बसों के संचालन और गुजरात राज्य की सेमीकन्डक्टर नीति पर विचार-विमर्श हुआ।