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स्वास्थ्य सेवाओं का सशक्तीकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 6, 20254 min read

भोपाल।      मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्वास्थ्य…

छत्तीसगढ़ भाजपा की अहम बैठक: संगठन चुनाव समेत अन्य मुद्दों पर होगी चर्चा, मुख्यमंत्री होंगे शामिल

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ShivJan 6, 20251 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव और साय कैबिनेट विस्तार…

छत्तीसगढ़ में अब 2.11 करोड़ मतदाता : पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर ज्यादा, अंतिम सूची का हुआ प्रकाशन

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ShivJan 6, 20252 min read

रायपुर।     छत्तीसगढ़ में फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त…

मुख्यमंत्री श्री साय ने महासमुंद जिले में 217 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का किया लोकार्पण-भूमिपूजन

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ShivJan 6, 20253 min read

रायपुर।  श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य बनाया है…

January 6, 2025

Apni Sarkaar

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांसे

नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। 92 वर्षीय डॉ. सिंह को शाम के समय सांस लेने में दिक्कत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्राथमिक जांच के बाद उन्हें इमरजेंसी विभाग (आईसीयू) में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनका निधन हो गया।

2004 में प्रधानमंत्री बने थे मनमोहन सिंह

डॉ मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इससे पहले वह भारत के वित्त मंत्री और वित्त सचिव भी रह चुके हैं। नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। बतौर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश में एक दशक से अधिक समय तक अभूतपूर्व वृद्धि और विकास का नेतृत्व किया था। डॉ. सिंह के नेतृत्व में, भारत ने अपने इतिहास में सबसे अधिक वृद्धि दर देखी, जो औसतन 7.7% रही और लगभग दो ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गई थी। डॉ. सिंह के सत्ता में आने के बाद भारत दसवें स्थान से उछलकर 2014 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था, जिससे लाखों लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठा।

डॉ. सिंह के भारत के विचार के मूल में सिर्फ़ उच्च विकास ही नहीं बल्कि समावेशी विकास और ऐसी लहरों का विश्वास था जो सभी नावों को ऊपर उठा सकें। यह विश्वास उन विधेयकों के पारित होने में निहित था, जिन्होंने नागरिकों को भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, काम का अधिकार और सूचना का अधिकार सुनिश्चित किया। डॉ. सिंह की अधिकार-आधारित क्रांति ने भारतीय राजनीति में एक नए युग की शुरुआत की।