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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का व्यक्तित्व निर्माण के साथ सेवा कार्यों पर विशेष आग्रह

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ShivDec 28, 20243 min read

रायपुर।   राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक छत्तीसगढ़ प्रवास पर…

न्यायधानी के FL-3 बार हैवेन्स पार्क पर आबकारी विभाग की कार्रवाई, लाइसेंस निलंबित कर जड़ा ताला…

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ShivDec 28, 20241 min read

बिलासपुर।   आबकारी विभाग ने न्यायधानी के FL-3 बार हैवेन्स पार्क…

कौशल्या विहार में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर

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ShivDec 28, 20242 min read

रायपुर।    रायपुर विकास प्राधिकरण (RDA) के अधीन कौशल्या विहार…

पोलिंग पार्टी पर हमले के संदिग्धों के 11 ठिकानों पर NIA की दबिश, डेढ़ लाख कैश के साथ मिला IED…

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ShivDec 28, 20241 min read

रायपुर। पोलिंग पार्टी पर हमला करने वाले 11 संदिग्धों के धमतरी…

December 28, 2024

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जो कहेंगे सच कहेंगे

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांसे

नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। 92 वर्षीय डॉ. सिंह को शाम के समय सांस लेने में दिक्कत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्राथमिक जांच के बाद उन्हें इमरजेंसी विभाग (आईसीयू) में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनका निधन हो गया।

2004 में प्रधानमंत्री बने थे मनमोहन सिंह

डॉ मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इससे पहले वह भारत के वित्त मंत्री और वित्त सचिव भी रह चुके हैं। नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। बतौर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश में एक दशक से अधिक समय तक अभूतपूर्व वृद्धि और विकास का नेतृत्व किया था। डॉ. सिंह के नेतृत्व में, भारत ने अपने इतिहास में सबसे अधिक वृद्धि दर देखी, जो औसतन 7.7% रही और लगभग दो ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गई थी। डॉ. सिंह के सत्ता में आने के बाद भारत दसवें स्थान से उछलकर 2014 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था, जिससे लाखों लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठा।

डॉ. सिंह के भारत के विचार के मूल में सिर्फ़ उच्च विकास ही नहीं बल्कि समावेशी विकास और ऐसी लहरों का विश्वास था जो सभी नावों को ऊपर उठा सकें। यह विश्वास उन विधेयकों के पारित होने में निहित था, जिन्होंने नागरिकों को भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, काम का अधिकार और सूचना का अधिकार सुनिश्चित किया। डॉ. सिंह की अधिकार-आधारित क्रांति ने भारतीय राजनीति में एक नए युग की शुरुआत की।