Special Story

राजधानी में 8 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म, रिश्तेदार आरोपी गिरफ्तार

राजधानी में 8 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म, रिश्तेदार आरोपी गिरफ्तार

ShivMay 14, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रिश्ते को तार-तार करने वाला…

May 14, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने छत्तीसगढ़ में दो उप-राजधानी बनाने की रखी मांग, इन दो जिलों को किया चिन्हांकित

गरियाबंद। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने छत्तीसगढ़ में दो उप-राजधानी बनाने की मांग किया है. उन्होंने कहा कि जशपुर और जगदलपुर को उप-राजधानी बनाया जाना चाहिए. दरअसल, चंद्रशेखर साहू दो दिवसीय प्रवास पर गरियाबंद पहुंचे. इस दौरान उन्होंने यह बातें स्थानीय विश्राम गृह में आयोजित प्रेस वार्ता में कही.

चंद्रशेखर साहू ने आगे कहा कि जनजाति गौरव दिवस मनाया जा रहा है. आदिवासी बाहुल प्रदेश में जनजाति के विकास को लेकर सरकार कोई कमी नहीं रख रही है. प्रदेश के जशपुर और जगदलपुर को उप-राजधानी बनाने की इच्छा जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की यह कल्पना थी, इसके लिए वे तत्कालीन सीएम सुंदरलाल पटवा के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था. चंद्रशेखर साहू ने कहा कि वे साय सरकार के समक्ष इस मांग को दोहराएंगे.

उन्होंने भाजपा सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया है, उनकी उन्नति और विकास को लेकर केंद्र और राज्य सरकार योजना बनाकर काम कर रही है. उप-राजधानी बन जाने के बाद विकास कार्य में तेजी जरूर आएगी.

धान खरीदी नीति पर बोले- ओडिशा सरकार भी कर रही अनुकरण

छत्तीसगढ़ सरकार की धान खरीदी नीति को पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने किसान हितैषी बताया है. उन्होंने कहा कि इसकी खासियत के वजह से ओडिशा सरकार भी अनुसरण कर रही है. गरियाबंद के कई धान खरीदी केंद्रों में किसानों से सीधे रूबरू होकर उनकी प्रतिक्रिया जानने के बाद उक्त बाते साहू ने पत्रकारवार्ता में कही है. मरौदा खरीदी केंद्र में शेड की मांग पर चंद्रशेखर साहू ने मंडी एमडी से चर्चा कर शेड की मंजूरी देने आग्रह किया है.

सरकार की नई नीतियों के सवाल पर उन्होंने ने कहा कि नई औद्योगिक नीति लांच हुआ है. जनजातीय क्षेत्रों में उद्योग लगाने प्राथमिकता तय की गई है, जिसमें बिजनेस पार्क भी शामिल है, अनुदान भी दिए जा रहे हैं, जिला को भी लाभ मिलें. 15 एकड़ में 4 करोड़ रुपये का अनुदान होगा.