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मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है और सही समय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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ShivFeb 24, 202512 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित मध्यप्रदेश से विकसित…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों से की वन-टू-वन चर्चा

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ShivFeb 24, 20252 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले…

शराब घोटाला: ED की विशेष कोर्ट ने डिस्टलरी को आरोपी बनाने ढेबर की याचिका की स्वीकार, 8 कंपनियों को बनाया आरोपी

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ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में डिस्टलरी (शराब निर्माताओं)…

दर्दनाक हादसा : बाइक सवारों को कार ने मारी टक्कर, फिर हाइवा की चपेट में आने से एक युवक की मौत, दूसरा घायल

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ShivFeb 24, 20251 min read

जांजगीर-चाम्पा।  छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में दर्दनाक हादसे में दो युवकों…

सीजीएसटी में रिश्वतखोरी मामला : अधीक्षक और ड्राइवर की 28 फरवरी तक बढ़ी रिमांड, CBI नए आरोपियों की कर रही तलाश

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ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) अधीक्षक भरत सिंह और ड्राइवर विनय राय…

February 24, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

पूर्व आईएएस डॉ. संजय अलंग का JNU में व्याख्यान, छत्तीसगढ़ के इतिहास और संस्कृति पर है विशेषज्ञता

रायपुर। छत्तीसगढ़ के इतिहास और संस्कृति के विशेषज्ञ पूर्व आईएएस डॉ. संजय अलंग फरवरी माह के अंत में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय नई दिल्ली में व्याख्यान देंगे. डॉ. अलंग छत्तीसगढ़ से संबंधित विषयों पर व्याख्यान देने के लिए बड़े मंचों पर बुलाए जाते रहे हैं. 

डॉ संजय अलंग हाल में अरुणाचल प्रदेश साहित्य महोत्सव, ईटानगर; विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली; आज तक साहित्य महोत्सव, नई दिल्ली; बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी: रायपुर साहित्य महोत्सव जैसे सुप्रसिद्ध मंचों पर छत्तीसगढ़ पर व्याख्यान दे चुके हैं, या कविता पाठ कर चुके हैं.

डॉ. अलंग द्वारा लिखी गई शोध पुस्तक छत्तीसगढ़ : इतिहास और संस्कृति को सर्वश्रेष्ठ शोध शिक्षा लेखन के लिए भारत सरकार का सर्वोच्च सम्मान एक लाख रुपए के साथ प्रदान किया गया था. उन्होंने छत्तीसगढ़ की रियासतें और जमींदारियां, छत्तीसगढ़ की जनजातियां और जातियाँ सहित दस से अधिक पुस्तकें लिखी हैं. उन्हें शोध के लिए कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं.

उनकी तीन कविता संग्रह- शव, पगडंडी छिप गई थी (छत्तीसगढ़ पर एकाग्र) और नदी उसी तरह सुन्दर थी जैसे कोई बाघ- हिन्दी में और एक कविता संग्रह- मउहा कान म बोलय बांस – छत्तीसगढ़ी में प्रकाशित हो चुके हैं. उन्हें कविताओं के लिए भी कई सम्मान मिल चुके हैं.