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मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा निर्णयः प्रदेश के 17 धार्मिक स्थानों में शराब की बिक्री पूरी तरह बंद

मध्यप्रदेश सरकार का बड़ा निर्णयः प्रदेश के 17 धार्मिक स्थानों में शराब की बिक्री पूरी तरह बंद

ShivJan 24, 20251 min read

दतिया। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के 17 पवित्र (धार्मिक) स्थानों में…

मध्यप्रदेश ने देश में सबसे पहले लागू की है “ई-समन” व्यवस्था : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 24, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोकमाता देवी…

माँ नर्मदा के आशीर्वाद से निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 24, 20251 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को लोकमाता अहिल्याबाई…

बागेश्वर धाम वाले पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- छत्तीसगढ़ में भी होनी चाहिए शराबबंदी

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ShivJan 24, 20252 min read

रायपुर। मध्यप्रदेश में धार्मिक नगरों में शराब बंदी की घोषणा पर…

गणतंत्र दिवस पर्व को लेकर कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि से भूल… पत्र वायरल

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ShivJan 24, 20251 min read

रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय किसी न किसी मुद्दे को…

January 24, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कहा – वर्तमान समय और संविधान के हिसाब से वन नेशन वन इलेक्शन संभव ही नहीं

रायपुर।     वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि आज के समय और संविधान के अंतर्गत यह संभव नहीं है. मान लीजिए जनवरी 2025 से वन नेशन वन इलेक्शन लागू हो गया है. अब पूरे देश की विधानसभाओं और लोकसभा के एक साथ चुनाव होंगे. किसी राज्य या केंद्र की सरकार दो साल बाद गिर जाती है और यह सरकार पांच साल तक के लिए चुनी जाती है, यानि उसका अगला चुनाव 2032 (जहां की सरकार गिरी हो) में आएगा और बाकी जगहों पर चुनाव 2030 में होंगे. इस स्थिति में वन नेशन वन इलेक्शन का क्या होगा? यह संभव ही नहीं है.

सिंहदेव ने कहा, संविधान के उन प्रावधान का क्या होगा, जिसमें कहा गया है कि ऐसी खाली जगहें जो 6 महीने तक खाली रही है, वहां पर चुनाव कराना अनिवार्य है. इस प्रावधान में भी फिर संशोधन करना पड़ेगा.

बता दें कि आज  वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.  पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में बनाई गई कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. खबर ये है कि सरकार शीतकालीन सत्र में इस पर एक बिल ला सकती है.