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ShivMay 14, 20252 min read

महासमुंद। महासमुंद जिले की पारंपरिक रूप से बांस पर निर्भर…

डीएमएफ घोटाला मामले में रानू साहू, सौम्या चौरसिया, समेत 4 आरोपियों की जमानत खारिज

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ShivMay 14, 20252 min read

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में DMF घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने आज पूर्व…

रेलवे प्रोजेक्ट से बढ़ी किसानों की मुसीबत: रायपुर और दुर्ग के 58 गांवों में जमीन की खरीदी-बिक्री पर रोक

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ShivMay 14, 20254 min read

रायपुर/दुर्ग। केंद्र सरकार की खरसिया-नवा रायपुर-परमलकसा रेल लाइन परियोजना अब किसानों…

छत्तीसगढ़ की ट्रेनों में अब रिश्वत लेकर सेटिंग नहीं कर पाएंगे टीटीई…

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ShivMay 14, 20251 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों में अब टीटीई रिश्वत…

सट्टा रैकेट का भंडाफोड़ : सट्टा किंग पार्षद और उसका पिता गिरफ्तार, पाकिस्तान और दुबई से निकला कनेक्शन

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ShivMay 14, 20252 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर में सट्टेबाजी के खिलाफ जारी अभियान के तहत…

May 14, 2025

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पूर्व डिप्टी CM सिंहदेव ने पूर्व मंत्री भगत के बयान को नकारा, कहा- “PCC चीफ की जिम्मेदारी केवल वर्ग आधारित नहीं, क्षमता के आधार पर होनी चाहिए”

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की अटकलों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यदि हाई कमान द्वारा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाती है, तो वह इसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। इस दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के उस बयान को खारिज किया, जिसमें भगत ने कहा था कि आदिवासी मुख्यमंत्री के सामने आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष को बदलने से आदिवासी समुदाय में गलत संदेश जाएगा।

बता दें कि निकाय चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करने के बाद पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। टीएस सिंहदेव का नाम इस प्रक्रिया में सबसे प्रमुख माना जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता अमरजीत भगत इसका विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी ने प्रदेश को आदिवासी मुख्यमंत्री दिया है, ऐसे में विपक्ष में भी आदिवासी नेतृत्व की आवश्यकता है। उनके अनुसार, यदि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर किसी अन्य वर्ग से नेता को नियुक्त किया जाता है, तो इससे बीजेपी को आदिवासियों की तौहीन का मुद्दा मिल सकता है, जो पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

इसके जवाब में टीएस सिंहदेव ने कहा कि उनके लिए इस मुद्दे पर कोई भेदभाव नहीं है। उनका मानना है कि किसी को जिम्मेदारी केवल इस आधार पर नहीं मिलनी चाहिए कि वह किसी विशेष वर्ग से आता है। जिम्मेदारी उन लोगों को मिलनी चाहिए जो स्थिति के अनुसार सबसे अच्छा काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह विचारधारा की बात नहीं है, बल्कि यह देखना जरूरी है कि कौन अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभा सकता है।

सिंहदेव ने दीपक बैज को हटाए जाने के सवाल पर भी अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि दीपक बैज पीसीसी अध्यक्ष हैं और पार्टी को समय-समय पर सफलता और असफलता दोनों का सामना करना पड़ता है। केवल हार के आधार पर किसी को हटाना सही नहीं है, लेकिन कभी-कभी बदलाव की आवश्यकता होती है। इसके लिए पार्टी बोर्ड समीक्षा करती है और बदलाव का निर्णय भी बोर्ड ही लेती है।

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी लगातार चार चुनावों में हार का सामना कर रही है, जिससे पार्टी के भीतर हाहाकार मच गया है। निकाय चुनावों के बाद से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, और यह शिकायतें आलाकमान तक पहुंच चुकी हैं। दीपक बैज, जो बस्तर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, संसद और विधायक रह चुके हैं, उन्हें पार्टी की कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, लगातार चुनावों में हार के बाद उनके नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं, और पार्टी के अंदर भी विरोध की आवाजें उठ रही हैं। इसके साथ ही, आदिवासी नेता होने के बावजूद हार का ठीकरा एक आदिवासी नेता पर फोड़ने का विरोध भी पार्टी में देखा जा रहा है।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बीजेपी के आदिवासी मुख्यमंत्री के सामने कांग्रेस पार्टी अपने फैसले में कितनी लचीलापन दिखाती है और किसे अगला प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करती है।