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बड़े नक्सल ऑपरेशन के बीच पुलिस को बड़ी सफलता : 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की नक्सल उन्मूलन अभियान की समीक्षा

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April 28, 2025

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कांग्रेस के पूर्व विधायक का पाकिस्तान प्रेम ! मिंज का विवादित बयान, कहा- भारत की हार सुनिश्चित, सोशल मीडिया में बवाल

रायपुर।  पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग देशभर से उठ रही है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व विधायक यूडी मिंज ने सोशल मीडिया पर एक ऐसा पोस्ट किया जिससे वे विवादों में घिर गए हैं. मिंज ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक युद्ध की संभावना को लेकर एक विवादित बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि भारत युद्ध करता है, तो भारत की हार सुनिश्चित है. यूडी मिंज का यह विवादित पोस्ट तूल पकड़ लिया है, जिसपर लोग पलटवार कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता यूडी मिंज के इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने पलटवार किया है. श्रीवास ने कहा कि ये ग़द्दारी और कायर जैसा वक्तव्य है जो इनके पार्टी के डीएनए में है! बेहद शर्मनाक है.

यूडी मिंज का पोस्ट

यूडी मिंज ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “जो आज पाकिस्तान के विरुद्ध निर्णायक युद्ध की बात कर रहे हैं, वे जान लें कि इस बार पाकिस्तान के साथ-साथ भारत को चीन से भी लड़ना होगा और ऐसी स्थिति में भारत की हार सुनिश्चित है. पीओके के महत्वपूर्ण हिस्से में चीन ने अंधाधुंध निवेश किया है. पुराने सिल्क रोड को खोल दिया गया है.

यही हाल बलूचिस्तान का भी है. ग्वादर पोर्ट को चीन ने डेवलप किया है और उसकी सेना सुरक्षा कर्मियों के नाम पर वहां पर तैनात है. बलूच विद्रोहियों की औकात नहीं है कि वे चीनी सैनिकों का मुक़ाबला कर सके.

यही दोनों जगह हैं जहां से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ऑपरेट करते हैं. एटबबाबाद भी इन्हीं जगहों में है, जहां से लश्कर ए तैयबा का नेटवर्क काम करता है. अब अगर भारत इन स्थानों पर सीधे हमला करे तो चीन स्वतः इस युद्ध में पाकिस्तान के साथ खड़ा हो जाएगा. नतीजा सोच लीजिए. इसलिए पुलवामा पार्ट २ के बाद बालाकोट कौवा मार स्ट्राइक पार्ट २ के लिए तैयार रहिए. जहां तक बात इकोनॉमी की है तो भारत अगर पूरी तरह से युद्ध में जाता है तो देश की अस्सी करोड़ आबादी को राशन देने के पैसे छः महीने में ही ख़त्म हो जाएंगे. मुद्रास्फीति दर वैसे ही डबल डिजिट में है, कहाँ तक जाएगी ये पता नहीं है .

डॉलर के अलावे भी अन्य वैश्विक मुद्राओं के मुक़ाबले रुपया २.५% कमजोर हुआ है. अमरीकी टैरिफ़ के चलते निर्यात न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. देश में बेरोज़गारी पिछले पैंतालिस साल में सबसे ज़्यादा है. महंगाई बेलगाम हो गई है. ऐसी स्थिति में कोई भी युद्ध आत्मघाती होगा और दोनों देशों की मेहनतकश जनता पर असहनीय बोझ पड़ेगा. यह समय भारत, पाकिस्तान और चीन के लीडरशिप को साथ बैठ कर आतंकवाद की समस्या का निदान ढूंढने का है, किसी भी प्रकार का political expediency में जाने का नहीं. वैसे जो भारतीय युद्ध के समर्थन में हैं, उन सबको अग्नीवीर बना कर बॉर्डर पर भेज देना चाहिए.