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May 20, 2025

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CAA लागू होने पर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने PM मोदी और गृह मंत्री शाह को दी बधाई, कहा- यह नागरिकता देने का कानून है, छीनने का नहीं

रायपुर- लोकसभा चुनावों में कुछ ही वक्त बचा है, चुनाव आयोग इसकी पूरी तैयारी कर चुका है. इस बीच देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो गया है, इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई है. देश में CAA लागू होने की अधिसूचना जारी होने के बाद पूर्व सीएम और विधानसभा स्पीकर डॉ रमन सिंह ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई और शुभकामनाएं दी है.

यह नागरिकता देने का कानून है छीनने का नहीं

छत्तीसगढ़ विधानसभा स्पीकर डॉ रमन सिंह ने (CAA) की जानकारी देते हुए कहा कि यह किसी की नागरिकता समाप्त करने का कानून नहीं है. बल्कि ये नागरिकता देने का कानून है. ये सीएए जो है ये एक्ट बड़ा साफ कानून है जिस पर संसद के अंदर चर्चा भी हुई थी. इसके ऊपर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने व्यापक रूप से लोकसभा के अंदर और राज्यसभा के अंदर इसकी जानकारी दी थी.

जानिए क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)

बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता दी जा सकेगी. सीएए नियम जारी होने के साथ मोदी सरकार अब तीन देशों के पीड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई भारत की नागरिकता दे सकेगी.

सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 कहे जाने वाले ये नियम सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए सक्षम बनाएंगे. ”प्रवक्ता ने कहा, “आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे जिसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है.”

CAA को कोई नहीं रोक सकता – गृह मंत्री अमित शाह

गौरतलब है कि संसदीय कार्य नियमावली के मुताबिक, किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की मंजूरी के छह महीने के कर लिए जाने चाहिए. 2020 से गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए संसदीय समिति से लगातार वक्त लेता रहा. सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की बात करें तो विरोधी प्रदर्शनों और पुलिस एक्शन में 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. 27 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था.