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ShivFeb 23, 20252 min read

नारायणपुर। समग्र श्रेणी और कृषि एवं संबद्ध सेवाओं में अपने उत्कृष्ट…

धार्मिक, आध्यात्मिक और पौराणिक रूप से समृद्ध है छत्तीसगढ़ की धरती – अरुण साव

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ShivFeb 23, 20252 min read

रायपुर।   उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज माता शबरी की…

चुनाव कार्य में लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई, उप अभियंता निलंबित

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ShivFeb 23, 20251 min read

सूरजपुर। पंचायत चुनाव के दौरान निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोगड़ा आश्रम में की पूजा-अर्चना

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ShivFeb 23, 20251 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर में प्रसिद्ध अघोर…

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समाज को तोड़ने का चल रहा हैं षड्यंत्र

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ShivFeb 23, 20255 min read

रायपुर।  कल्चरल मार्क्सवाद स्टडी सर्कल की ओर से रायपुर के…

February 23, 2025

Apni Sarkaar

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पत्नी को तलाक दिए बिना की दूसरी शादी, एक एकड़ जमीन और हर महीने 3 हजार रुपए देगा पति, महिला आयोग ने सुनाया फैसला

रायपुर।  छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने आज रायपुर कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर 302 सुनवाई हुई. एक प्रकरण के दौरान आवेदिका ने बताया कि पति ने बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर लिया है, जिससे उनकी एक बच्ची भी है. अनावेदक (पति) द्वारा आवेदिका और बच्चों को काई भी भरण-पोषण नहीं दिया जा रहा है. इस मामले में महिला आयोग ने कहा, यह एक अपराधिक प्रकरण है और सजा पाने का पर्याप्त आधार है. आयोग की समझाइश पर पति ने प्रति माह 3 हजार रुपए और ससुर ने 1 एकड़ जमीन आवेदिका और उसके बच्चों को दिए जाने की सहमति दी.

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि आवेदिका के पति ने किए गए कार्यों का बकाया भुगतान नहीं किया है. अनावेदिका के कार्यकाल के दौरान 70 हजार रुपए का भुगतान नहीं किया गया है. इस मामले में पूर्व में कार्यरत अधिकारी और उनके स्वयं के कार्यकाल का बकाया आवेदिका पक्ष को मिला और 28 हजार का भुगतान का बिल ट्रेजरी में जमा हुआ, जो आवेदिका को मिल जाएगा.

अनावेदिका ने लिखित प्रस्ताव दिया, जिसके अनुसार मार्च 2017 से नवंबर 2017 से 09 माह के दौरान आवेदिका के पति द्वारा कार्य नहीं किया गया है। इस पर आवेदिका के पति ने अपने 03 पूर्व सहकर्मियों का सहमति पत्र प्रस्तुत किया. सहकर्मियों द्वारा पत्र में हस्ताक्षर किया गया है, जिसके अनुसार आवेदिका का पति उस अवधि में कार्यरत था, जबकि उसी अवधि के लिए अनावेदिका ने भी इन्ही 03 गवाहों का दस्तावेज प्रस्तुत किया. इसके अनुसार आवेदिका के पति ने उसी अवधि में कोई कार्य नहीं किया है. इस मामले में महिला आयोग ने कहा, दोनों ही दस्तावेज एक ही तरह के गवाहों से बने हैं, जिन्हें मान्य नहीं किया जा सकता. आयोग ने निर्देशित किया कि समुचित दस्तावेज दोनों पक्ष आयोग में उपस्थित करें, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके.

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके बेटे ने 5 लाख रुपए लोन ले रखा है और उसे आज तक नहीं पटाया है. लोन नहीं पटने के कारण रिकवरी एजेंट के खिलाफ आवेदिका ने यह प्रकरण दर्ज कराया है. रिकवरी एजेंट द्वारा आवेदिका व उसके रिश्तेदारों को फोन करके परेशान किया जा रहा है, जिससे आवेदिका मानसिक रूप से परेशान है. आयोग ने समझाइश दी कि दोनों पक्ष आपस में सुलह का प्रयास करें, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके.

मां की संपत्ति पर सभी बच्चों का बराबर अधिकार

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने मां के नाम की जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम से करा लिया. अनावेदक और आवेदिका 5 भाई-बहन हैं और मां के नाम की सम्पत्ति पर सभी का बराबर हक है. अनावेदक का कहना है कि मां की अन्य सम्पत्ति के 5 हिस्सेदार है, जिसका बंटवारा आयोग द्वारा कराए जाने पर सभी सुलहनामे से समझौते के लिए तैयार हैं. आयोग ने कहा कि अधिवक्ता के माध्यम से सुलहनामा बनाया जा सकता है, ताकि सभी के मध्य 5 हिस्सों में बंटवारा कराया जा सके और प्रकरण का निराकरण किया जा सके.

सोशल मीडिया में चरित्र हनन का प्रयास करने का मामला

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदकों द्वारा सोशल मीडिया, व्हाट्सप के माध्यम से आवेदिका का चरित्र हनन का प्रयास संयुक्त व एकल रूप से किया जा रहा है. अनावेदक सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहे. इस पर आयोग ने अनावेदकों को अगली सुनवाई में थाना प्रभारी के माध्यम से प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए, ताकि प्रकरण की सुनवाई की जा सके. आज की सुनवाई में महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक, सदस्य सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, ओजस्वी मंडावी एवं दिपिका शोरी मौजूद रहीं.