Special Story

सिवनी मालवा में भारत के वीर सैनिकों के सम्मान में निकली “तिरंगा यात्रा”

सिवनी मालवा में भारत के वीर सैनिकों के सम्मान में निकली “तिरंगा यात्रा”

ShivMay 22, 20251 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को नर्मदापुरम जिले के…

चित्रकोट पर्यटन केंद्र का नाका सील: शराब, बकरा और मुर्गा लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, एसडीएम कार्यालय का किया घेराव

चित्रकोट पर्यटन केंद्र का नाका सील: शराब, बकरा और मुर्गा लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, एसडीएम कार्यालय का किया घेराव

ShivMay 22, 20252 min read

जगदलपुर। चित्रकोट पर्यटन स्थल के पार्किंग नाका को लोहंडीगुड़ा एसडीएम द्वारा…

May 23, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पूर्व IAS अनिल टुटेजा, आलोक शुक्ला और पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ EOW में FIR दर्ज

रायपुर।     एसीबी/ईओडब्ल्यू ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, आलोक शुक्ला और पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ अपराध दर्ज किया है. यह एफआईआर इन तीनों के वाट्सएप चैट के आधार पर दर्ज की गई है. ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर ईओडब्ल्यू ने नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अपराध दर्ज किया है.

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय सतीश चंद्र वर्मा समेत दोनों आईएएस अधिकारियों पर पद का दुरुपयोग करते हुए बड़ी गड़बड़ी करने का आरोप है. ईओडब्ल्यू की एफआईआर में बताया गया है कि साल 2019-20 में हाईकोर्ट में दूषित तरीके से अग्रिम जमानत भी हासिल की गई है, जिसका वाट्सएप चैट समेत कई सबूत ईओडब्ल्यू के हाथों लग चुका है. ईओडब्ल्यू में तीनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7,7क,8,13(2) और आईपीसी की धारा 182,211,193,195-ए,166 ए और 120 बी धाराएं प्रभावी की गई है.

EOW में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, प्रकरण में व्हाट्सएप चैट एवं उनके साथ संलग्न दस्तावेज़ों के अवलोकन और गोपनीय सत्यापन एवं सूचना संकलन पर प्रथम दृष्टया पाया गया कि वर्ष 2019 से 2020 तक लगातार डॉक्टर आलोक शुक्ला एवं अनिल टुटेजा ने छत्तीसगढ़ सरकार में लोक सेवक के पद पर पदस्थ रहते हुए अपने अपने पदों का दुरुपयोग किया और तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को असम्यक लाभ इस आशय से दिया गया कि वे लोक कर्तव्य को अनुचित रुप से करने प्रेरित किया जा सके, ताकि वह लोक कर्तव्य का कार्य पालन अनुचित रुप से कराया जाए, के साथ मिलकर अपराधिक षड्यंत्र करते हुए राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में पदस्थ उच्चाधिकारियों के प्रक्रियात्मक एवं विभागीय कार्यों से संबंधित दस्तावेज एवं जानकारी में बदलाव कराते हुए अपने विरुद्ध दर्ज नान के (अपराध क्रमांक 09/2015) मामले में अपने पक्ष में उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने वाले जवाब दावा बनवाए गए, जिससे उन्हें अग्रिम ज़मानत का लाभ मिल सके.

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पंजीबद्ध ECIR/RPSZO/01/2019 में भी अग्रिम ज़मानत का लाभ प्राप्त हो सके. साथ ही अपराध क्रमांक 09/2015 के गवाहान को अपने कथनों को बदलने का दबाव भी उनके द्वारा बनवाया गया. राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में पदस्थ उच्चाधिकारियों से मिलकर अपराध क्रमांक 09/2015 से संबंधित दस्तावेज,व्हाट्सएप चैट के माध्यम से प्राप्त करते हुए अपराध क्रमांक 09/2015 के अभियोजन साक्ष्य को प्रभावित किया गया.

जानिए क्या है पूरा घोटाला

बीजेपी आरोप लगाती है कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में यह घोटाला हुआ था. बीजेपी का आरोप है कि राज्य में 13 हजार 301 दुकानों में राशन बांटने में गड़बड़ी की गई है. आरोप है कि अकेले चावल में ही 600 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. कुल घोटाला एक हजार करोड़ से ज्यादा का बताया जा रहा है. बीजेपी का आरोप है कि स्टॉक वैरिफिकेशन नहीं करने के बदले में एक-एक राशन दुकान वाले से 10-10 लाख रुपए लिया गया था.