Special Story

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लालबाग में चल रहे मालवा उत्सव में हुये शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को इंदौर के ऐतिहासिक…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव “द चेंजमेकर कॉन्क्लेव” में हुए शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में आयोजित “द चेंजमेकर कॉन्क्लेव” में विभिन्न…

उप मुख्यमंत्री अरुण साव सामूहिक आदर्श विवाह समारोह में हुए शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

रायपुर।    उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज महासमुंद जिले के…

उप मुख्यमंत्री अरुण साव कर्मा माता मंदिर प्राण प्रतिष्ठा एवं सम्मान समारोह में हुए शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

रायपुर।  उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज महासमुंद के बसना विकासखंड…

तेज रफ्तार स्कॉर्पियो बिजली खंभा तोड़ते हुए टकराई दीवार से, शादी से लौट रहे 7 लोग घायल…

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ShivMay 11, 20251 min read

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में आज एक भीषण सड़क दुर्घटना…

May 12, 2025

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पूर्व विस अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल की मौत के मामले में अपोलो के फर्जी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज…

बिलासपुर। अपोलो अस्पताल में 2006 में इलाज के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पं. राजेन्द्र शुक्ल की मौत हो गई थी. अब मामले में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जान केम के खिलाफ सरकण्डा थाने में धारा 420, 465, 466, 468, 471, 304, 34 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है.

बता दें कि दमोह के मिशन अस्पताल में हार्ट सर्जरी के बाद सात मरीजों की मौत के मामले में खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताने वाले फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया गया है. कथित डॉक्टर की वजह से अपोलो अस्पताल में भी 7–8 मरीजों की जान गई थी, जिनमें दिग्गज कांग्रेस नेता राजेंद्र प्रसाद शुक्ल भी शामिल थे.

करीब 32 साल तक विधायक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल का 20 अगस्त 2006 को तबीयत बिगड़ने पर अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ऑपरेशन के दौरान उनकी मौत हो गई. उनका ऑपरेशन भी कथित डॉक्टर नरेंद्र ने किया था.

दमोह की घटना सामने आने के बाद राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के परिजनों ने मामले की जांच की मांग की थी. आईएमए के तत्कालीन अध्यक्ष और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वायएस दुबे ने इसकी जांच करवाई. जांच में पाया गया कि नरेंद्र के दस्तावेज फर्जी थे. उसके पास केवल एमबीबीएस की डिग्री थी, वह कार्डियोलॉजिस्ट नहीं था. वहीं अपोलो हॉस्पिटल प्रबन्धन ने अपने मुख्यालय से डॉक्टर से जुड़े दस्तावेज मंगाए थे. जांच में फर्जी डॉक्टर का नाम, जन्मतिथि और पिता का नाम का अलग-अलग पाया गया था.