Special Story

भारतमाला घोटाला: अधिग्रहित भूमि को लेकर नए सिरे से दावा-आपत्ति

भारतमाला घोटाला: अधिग्रहित भूमि को लेकर नए सिरे से दावा-आपत्ति

ShivJun 7, 20252 min read

रायपुर।  भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्नम प्रस्तावित इकॉनामिक कॉरिडोर में…

सुपारी फैक्ट्री में छापेमारी, डेढ़ करोड़ का माल जब्त

सुपारी फैक्ट्री में छापेमारी, डेढ़ करोड़ का माल जब्त

ShivJun 7, 20251 min read

दुर्ग। जिले में हो रहे अवैध कारोबार पर नकेल कसने…

परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही पर की गई कार्रवाई, SP ने आरक्षक को किया निलंबित

परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही पर की गई कार्रवाई, SP ने आरक्षक को किया निलंबित

ShivJun 7, 20252 min read

जांजगीर-चांपा। जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है जहां…

भांजे ने की मामा की हत्या करने की कोशिश, चाकू मारकर फरार

भांजे ने की मामा की हत्या करने की कोशिश, चाकू मारकर फरार

ShivJun 7, 20251 min read

भिलाई। छत्तीसगढ़ में चाकूबाजी की घटनाएं थमने का नाम नहीं…

June 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

डॉक्टर पर दर्ज हुई FIR, महिला डॉक्टर ने लगाया था ये आरोप…

बिलासपुर।  न्यायधानी स्थित सिम्स में मेडिसिन विभागाध्यक्ष पर महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ के आरोप में FIR दर्ज हो गई है. विभाग की जूनियर डॉक्टर ने डॉ. पंकज टेंभूर्णिकर पर आपातकालीन ड्यूटी के दौरान उनका फोन तोड़ने, ड्यूटी में मौखिक दुर्व्यवहार, अनुचित स्पर्श और शत्रुतापूर्ण कार्य का वातावरण बनाने का आरोप लगाया है. . इस मामले की शिकायत के बाद भी डीन की उदासनीता के बाद छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन ने मुख्यमंत्री सचिवालय में लिखित शिकायत कर उचित कार्रवाई करते हुए विभागाध्यक्ष को हटाने की भी मांग की थी. इसके बाद अब HOD के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

फोटो: मेडसिन विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज टेंभूर्णिकर, सिम्स

बता दें, इस मामले में रेसीडेंट्स द्वारा डीन से शिकायतों के बाद भी ठोस कार्रवाई नहीं करने से नाराज पीड़ित महिला डाक्टर ने छत्तीसगढ़ डाक्टर्स फेडरेशन से लिखित शिकायत की थी. जिसके बाद फेडरेशन ने मामले की गंभीरता के मद्देनजर पीड़ित महिला डाक्टर के पत्र के साथ मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी.

डॉक्टर्स फेडरेशन ने अपनी लिखित शिकायत में कहा था कि इन गतिविधियों ने उनकी काम करने की क्षमता को बाधित किया बल्कि स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाया. दोषी विभागाध्यक्ष पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. कार्रवाई के नाम पर पीजी डाक्टर्स का एग्जाम लेने से रोकते हुए लीपापोती कर दी गई है. डाक्टर्स फेडरेशन ने कार्रवाई नहीं होने पर कानूनी विकल्प खुला रखने और बड़े पैमाने पर आंदोलन के भी संकेत लिखित शिकायत में दिए थे.