वित्त मंत्री ओपी चौधरी बोले, टेक्नोलॉजी से हम चिंगरी से लेकर बड़ी मछली और मगरमच्छ भी पकड़ेंगे, भ्रष्टाचार होने नहीं देंगे
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रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के आज सातवें दिन की कार्यवाही में बजट पर सामान्य चर्चा हुई. इस दौरान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि हम छत्तीसगढ़ की जीडीपी को एक नई उंचाई पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. वहीं भ्रष्टाचार को लेकर ओपी चौधरी ने कहा चिंगरी से लेकर बड़ी मछली, मगरमच्छ को भी टेक्नोलॉजी से पकड़ेंगे. हमारी सरकार में कहीं भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे।
बजट पर सामान्य चर्चा में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि इस बजट से हमने एक सपना देखने की कोशिश की है. एक लक्ष्य रखने की कोशिश की है. पांच लाख की जीडीपी को दस लाख करोड़ तक पहुँचाना है. प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि तीसरे टर्म में भारत को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बना दूँगा. बहुत से अर्थशास्त्री ने कहा ये संभव नहीं है. लेकिन उन्होंने बड़ा लक्ष्य रखा है. हमने भी उनसे प्रेरित होकर छत्तीसगढ़ की जीडीपी का लक्ष्य दस लाख करोड़ रखा है.
ओपी चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की सोच रही है जितनी चादर है उतनी पैर पसारो. जब तक पैर को चादर से बाहर निकालेंगे नहीं चादर बड़ी करने की सोच भी नहीं सकते.
वित्त मंत्री ने कहा पीवी नरसिम्हा राव ने भारत में इकनॉमिक रिफॉर्म लाया था. मैं उनकी तारिफ़ करना चाहूँगा. इसका क्रेडिट मनमोहन सिंह को दिया जाता था. उस रिफॉर्म के तीन बिंदु थे. उदारीकरण,निजीकरण और वैश्वीकरण. पी वी नरसिम्हा राव ने इन बिंदुओं का सूत्रपात किया था. ये पॉलिटिकल विल नरसिम्हा राव में था. जब वह बड़े निर्णय ले रहे थे तब कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुला लिया जाये. उन्होंने कहा कि इसकी ज़रूरत नहीं है. मेरी बात अटल बिहारी बाजपेई से हो गई है. अटल जी उन निर्णयों के साथ थे जिसने देश को आर्थिक रूप से समृद्ध किया. जिस नरसिम्हा राव ने देश को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाया उनका पार्थिव शरीर भी कांग्रेस भवन में लाने नहीं दिया गया. ये कांग्रेस की संकीर्ण मानसिकता को दिखाती है. उन्हीं पी वी नरसिम्हा राव में राजनीतिक संकीर्ण मानसिकता से उठकर प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत रत्न देने का काम किया है.
वित्त मंत्री चौधरी ने कहा, बस्तर और सरगुजा के विकास को लेकर हम समर्पित हैं. आज़ादी के बाद से दशकों तक बस्तर को उपेक्षित रखा गया. उस क्षेत्र को बाक़ी सभ्यता से कैसे जोड़ा जाये इसकी कल्पना भी नहीं की गई. 1960 के दशक में एक कलेक्टर में सड़कों का काम तक रुकवा दिया. कल्चरल प्रोटेक्शन के नाम पर बस्तर का विकास रोककर रखा गया. वहाँ के लोग मलेरिया और हैज़ा से मरते रहे. इन्ही सब वजहों से बस्तर में नक्सलवाद पनपा. बस्तर में इन्सर्जेंसी का और कोई दूसरा कारण नहीं दिखता. बंगाल में ज़मीन का असामान्य कारण नक्सलवाद का मुद्दा बना, बिहार में जाति इसकी वजह रही लेकिन बस्तर में ना तो जमीन वजह थी और ना ही जाति मुद्दा था. बस्तर में नक्लसवाद की रूट को समझना होगा तब जाकर इस समस्या को ख़त्म किया जा सकेगा. 1998 तक बस्तर का एक जिला केरल राज्य से बड़ा था. दिल्ली से तीस गुना बड़ा था. बस्तर के इंद्रावती में राष्ट्रीय राजमार्ग ख़त्म हो जाता था. तिमेड़ में एक पुल बना दिया जाता तो बस्तर महाराष्ट्र से जुड़ जाता. तब बस्तर का ये हाल नहीं होता. पुल बना तो भाजपा शासन काल में बना. बस्तर हमारे फ़ोकस में हैं. भाजपा शासनकाल में बस्तर ने नई ऊँचाईयां छुई.
ओपी चौधरी ने कहा कि सरगुजा में सिंचाई परियोजनाओं के लिए 6400 करोड़ का प्रावधान किया गया है. बस्तर के लिये 2208 करोड़ का प्रावधान किया गया है. सड़कों के लिए भी हजारों करोड़ का प्रावधान है.
वित्त मंत्री ने कहा, डी सेंट्रलाइज्ड डेवलपमेंट प्लान के ज़रिए राज्य के हर हिस्से का विकास हमारी प्राथमिकता है. साठ सालों तक हमने बस्तर को वही अल्फ़ाबेट पढ़ाते रहे. ग से गमला और न से नल पढ़ाते रहे. बस्तर के लोगों को हम गोंडी भाषा से शिक्षा देने के लिए सॉफ्टवेयर बना रहे हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि विष्णुदेव साय की सरकार टैक्स जनरेशन में सफल होंगे. तकनीकी का उपयोग करेंगे. इससे बड़ा परिवर्तन आएगा. हमारा बेस ख़राब है इसलिए बड़ा लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. स्टेट जीएसटी, माइनिंग, एक्साइस में गड़बड़ी रही. खराब प्रक्टिसेस रहे. इसे सुधार कर हम व्यवस्थाओं को ठीक करेंगे.
ओपी चौधरी ने कहा, पीएससी को लेकर सवाल उठी कि भाजपा सरकार में पीएससी में गड़बड़ी हुई. जबकि उस वक़्त कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर चेयरमैन को हटा दिया गया. प्रदीप जोशी जैसे व्यक्ति को पीएससी का चेयरमैन बनाया. जिनके चेयरमैन रहते देशभर में लोग छत्तीसगढ़ पीएससी का उदाहरण दिया करते थे.
वित्त मंत्री ने कहा कि पोंटी चड्ढा से जुड़े लोगों को छत्तीसगढ़ में काम करने नहीं दिया जाएगा. ये साय सरकार का कमिटमेंट है.
ओपी चौधरी ने कहा कि पिछली सरकार में बिजली बिल हाफ योजना चलती थी उसे हम कंटीन्यू कर रहे हैं. पिछली सरकार ने जो अच्छे काम किए हैं उन योजनाओं को चलाते रहने में हमें कोई गुरेज़ नहीं.
उन्होंने आगे कहा, बस्तर में आदिवासियों के शोषण का सबसे बड़ा प्रतीक था वह नमक था. चिरौंजी के बदले आदिवासी नमक लेते थे. भाजपा शासनकाल के दौरान नमक देने की योजना लाई गई थी.
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि रकबा कम करने की बात सदन में निकलकर आई थी. विष्णुदेव साय सरकार में ये पहली बार हुआ है कि प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की ख़रीदी की जा रही है. किसानों के लिए हमने अनुपूरक बजट में 12 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. कृषक उन्नति योजना का लाभ सभी किसानों को मिलेगा. 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तब उन्होंने जनघोषणा पत्र में माता बहनों को पांच सौ रुपये देने का वादा किया था. कांग्रेस को हम पर सवाल उठाने का हक नहीं है. महतारी वंदन योजना में बहुत सामान्य क्राइटेरिया रखा गया है. एक मार्च से पैसा देने का वादा सरकार ने किया है.
हम विपक्ष से भी सकारात्मक विपक्ष की भूमिका चाहते हैं. सरकार की नीयत बिल्कुल साफ़ है. कही कोई कमी है तो विपक्ष भी हमे बताये.
चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा चिंगरी से लेकर बड़ी मछली, मगरमच्छ को भी टेक्नोलॉजी से पकड़ेंगे. सरकार में कहीं भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे.
रमन सिंह ने कहा कि आप शाकाहारी हैं चिंगरी कैसे पकड़ेंगे.
कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि जो स्वाद चिंगारी में है वह किसी और में नहीं.
ओपी चौधरी ने दिया जवाब, मैं शाकाहारी हूं पर मुझे टेबल पार्टनर बनने में परेशानी नहीं.