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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

ShivApr 11, 20252 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को श्री आनंदपुर धाम…

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उन्नत और समृद्ध रही है प्राचीन भारतीय वास्तुकला : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्राचीनकाल…

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार…

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

ShivApr 11, 20254 min read

रायपुर।   शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है। शिक्षा के बिना…

April 12, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण, 20 लाख रुपए का था इनाम

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल 20 लाख की इनामी नक्सली मंजुला उर्फ निर्मला ने आज तेलंगाना के वारंगल में पुलिस के पास आत्म समर्पण कर दिया है. मंजुला ने वारंगल में पुलिस कमिश्नर के पास जाकर सरेंडर कर दिया है. मंजुला कुख्यात नक्सली लीडर कोडी कुमार स्वामी उर्फ आनंद एवं कोडी वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना की बहन है और साथ ही दंडकरण स्पेशल जोनल कमिटी, साउथ सब डिविजन ब्यूरो की मेंबर है. वह 1994 में माओवादी संगठन में शामिल हुई थी और आज 15 नवंबर 2024 को उसने पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया है.

बता दें, यह घटना 25 मई 2013 की है, जब छत्तीसगढ़ में एक खौ़फनाक और भयावह हत्याकांड हुआ था, जिसे राज्य का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड माना जाता है. इस हमले में दिग्गज कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित 30 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. इस हमले के बाद, भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों के कार्यकाल में जांच का सिलसिला चलता रहा, लेकिन इस हत्याकांड के अपराधियों का पर्दाफाश और इसके पीछे के रहस्यों को अब तक नहीं सुलझाया जा सका है.

इस जघन्य हत्याकांड की जांच के लिए अलग-अलग विभागों ने अपनी-अपनी जांच की, जिसमें सुरक्षा में चूक और आपराधिक कृत्य की जांच शामिल थी. हालांकि, इन सब के बावजूद, झीरम घाटी में हुई इस दर्दनाक घटना के बारे में अब तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आ सकी है. 30 कांग्रेस नेताओं की इस हत्या की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने 27 मई 2013 को दो दिन बाद एनआईए को सौंप दी थी, लेकिन इसके बाद भी यह मामला अनसुलझा ही बना रहा.