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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, करदाता ने गलती स्वीकार की तो नहीं लगेगा जुर्माना

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, करदाता ने गलती स्वीकार की तो नहीं लगेगा जुर्माना

ShivApr 24, 20252 min read

बिलासपुर।  हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. उन्होंने साफ…

तेंदूपत्ता बोनस घोटाला: निलंबित DFO अशोक पटेल 3 दिन की रिमांड पर, करोड़ों की हेराफेरी में ACB-EOW ने किया है गिरफ्तार

तेंदूपत्ता बोनस घोटाला: निलंबित DFO अशोक पटेल 3 दिन की रिमांड पर, करोड़ों की हेराफेरी में ACB-EOW ने किया है गिरफ्तार

ShivApr 24, 20252 min read

रायपुर। तेंदूपत्ता बोनस घोटाले मामले में ACB-EOW की संयुक्त कार्रवाई जारी…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा – पाकिस्तान को सबक सिखाकर रहेगा भारत, दुस्साहस का खामियाजा भुगतना पड़ेगा…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा – पाकिस्तान को सबक सिखाकर रहेगा भारत, दुस्साहस का खामियाजा भुगतना पड़ेगा…

ShivApr 24, 20251 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुंबई का कार्यक्रम रद्द कर रायपुर…

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर भोपाल में होगा भव्य ड्रोन शो : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर भोपाल में होगा भव्य ड्रोन शो : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 23, 20252 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है किमध्यप्रदेश स्थापना दिवस…

April 24, 2025

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झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण, 20 लाख रुपए का था इनाम

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल 20 लाख की इनामी नक्सली मंजुला उर्फ निर्मला ने आज तेलंगाना के वारंगल में पुलिस के पास आत्म समर्पण कर दिया है. मंजुला ने वारंगल में पुलिस कमिश्नर के पास जाकर सरेंडर कर दिया है. मंजुला कुख्यात नक्सली लीडर कोडी कुमार स्वामी उर्फ आनंद एवं कोडी वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना की बहन है और साथ ही दंडकरण स्पेशल जोनल कमिटी, साउथ सब डिविजन ब्यूरो की मेंबर है. वह 1994 में माओवादी संगठन में शामिल हुई थी और आज 15 नवंबर 2024 को उसने पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया है.

बता दें, यह घटना 25 मई 2013 की है, जब छत्तीसगढ़ में एक खौ़फनाक और भयावह हत्याकांड हुआ था, जिसे राज्य का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड माना जाता है. इस हमले में दिग्गज कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित 30 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी. इस हमले के बाद, भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों के कार्यकाल में जांच का सिलसिला चलता रहा, लेकिन इस हत्याकांड के अपराधियों का पर्दाफाश और इसके पीछे के रहस्यों को अब तक नहीं सुलझाया जा सका है.

इस जघन्य हत्याकांड की जांच के लिए अलग-अलग विभागों ने अपनी-अपनी जांच की, जिसमें सुरक्षा में चूक और आपराधिक कृत्य की जांच शामिल थी. हालांकि, इन सब के बावजूद, झीरम घाटी में हुई इस दर्दनाक घटना के बारे में अब तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आ सकी है. 30 कांग्रेस नेताओं की इस हत्या की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने 27 मई 2013 को दो दिन बाद एनआईए को सौंप दी थी, लेकिन इसके बाद भी यह मामला अनसुलझा ही बना रहा.