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तखतपुर जनपद में भाजपा का दबदबा : माधवी निर्विरोध चुने गए अध्यक्ष और राकेश उपाध्यक्ष

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ShivMar 4, 20251 min read

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भगोरिया को राजकीय स्तर पर उत्सव के रूप में मनाएगी सरकार : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivMar 4, 20258 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भगोरिया…

छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से की सौजन्य मुलाकात

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रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहां उनके निवास…

4 विकेट से जीतकर चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची इंडिया, विराट कोहली का कंगारुओं के सामने गरजा बल्ला

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ShivMar 4, 20251 min read

दुबई।   चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने  ऑस्ट्रेलिया…

March 5, 2025

Apni Sarkaar

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किसानों ने ऋण चुकाने जमा किए पैसे, प्रबंधक और कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित 5 कर्मचारियों पर लगा 24 लाख के गबन का आरोप, FIR दर्ज

कांकेर।  कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विकासखंड के केवटी लेम्पस के प्रबंधक और कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित पांच कर्मचारियों पर 60 किसानों के लगभग 24 लाख रुपये गबन करने का आरोप लगा है. यह घोटाला तब सामने आया जब कुछ किसान खेती के लिए पुनः ऋण लेने के लिए केंद्रीय सहकारी बैंक की भानुप्रतापपुर शाखा पहुंचे.

किसानों को जब बैंक शाखा प्रबंधक ने बताया कि उनका पुराना लोन जमा नहीं हुआ है, तो यह मामला खुलासा हुआ. दरअसल, केवटी लेम्पस के प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों ने किसानों से ऋण की राशि ली थी और उन्हें रसीद भी दी थी. लेकिन, उक्त राशि को केंद्रीय सहकारी बैंक की शाखा में जमा नहीं किया गया. इसके बजाय, यह राशि कर्मचारियों द्वारा गबन कर ली गई.

किसान अपनी रसीदों के आधार पर समझ रहे थे कि उनका लोन चुका दिया गया है, जबकि बैंक में उस राशि का कोई रिकॉर्ड नहीं था. अब किसानों को नया ऋण नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी खेती प्रभावित हो रही है.

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, आरोपी फरार

लगभग 60 किसानों ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ भानुप्रतापपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. थाना प्रभारी रामेश्वर देशमुख ने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि लगभग 24 लाख रुपये का गबन किया गया है. आरोपियों के खिलाफ गांव-गांव में किसानों से पूछताछ की जा रही है, और फरार आरोपियों की तलाश जारी है.

किसानों का कहना है कि उन्होंने जो राशि जमा की थी, वह 40 हजार रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक थी. इस धोखाधड़ी ने किसानों के सामने गंभीर संकट पैदा कर दिया है, क्योंकि अब न तो उनका पुराना ऋण चुकता हुआ है और न ही वे नया ऋण प्राप्त कर पा रहे हैं.