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ShivNov 27, 20242 min read

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November 27, 2024

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टोकन कटने के बावजूद किसान नहीं बेच पा रहे धान : सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर।      प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि टोकन काटने के बाद भी किसान अपना धान बेच नहीं पा रहे है, क्योंकि टोकन कटने की तारीख से 3 से 7 दिन बाद धान बेचने के लिये किसानों को बुलाया जा रहा है। साथ ही सोसाइटियों ने 2 दिसंबर तक टोकन काटने के बाद टोकन काटना बंद कर दिया है। सोसाइटियों को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है। ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है। सरकार भले ही घोषणा कर रही है पूरा धान खरीदेंगे, लेकिन जिस रफ्तार से खरीदी हो रही उससे  किसान चिंतित है।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धान खरीदी केन्द्रों में फैली अव्यवस्था, बारदानों की कमी तथा टोकन के लिये सरकार द्वारा जारी किये गये निर्देशों तथा मीलरों द्वारा धान का उठाव नहीं करने के कारण किसान परेशान है। समितियों में बारदाने की कमी है। सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार धान खरीदी सुचारू रूप से चलाने का झूठा दावा कर रही है। सरकार किसानों को तथा समस्या उठाने वालों को धमकाने के बजाय कमियां दुरूस्त करें। धान खरीदी केन्द्रों में फैली अव्यवस्था और सरकार द्वारा जारी फरमान के कारण किसानों को धान बेचने में परेशानी हो रही। सरकार दावा कर रही है कि सभी किसानों का पूरा धान 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदा जायेगा, लेकिन जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है। सरकार द्वारा घोषित लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होना असंभव है। सरकार के द्वारा 14 नवंबर से 31 जनवरी तक कुल 75 दिन के अंदर धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित है, इसमें से 30 दिनों लगभग एक महिना से अधिक छुट्टी है, अर्थात लगभग 45 दिन ही सरकार धान खरीदी करेगी। मात्र 45 दिनों में 30 लाख से अधिक किसानों के धान की खरीदी संभव नही। प्रतिदिन 3.5 लाख से 4 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जायेगी तभी निर्धारित लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो पायेगी। पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़ी है। रकबा बढ़ा है, पैदावार बढ़ा है, पैदावार भी ज्यादा हुआ है। प्रति एकड़ खरीदी की लिमिट भी बढ़ी है, अतः धान खरीदी अवधि अभी से बढ़ाने की घोषणा की जाये।

शुक्ला ने कहा कि धान की कीमत का भुगतान 3217 रू. में करें क्योंकि 3100 रू. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रू. से बढ़ाकर 3217 रू. किया जाये। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रू. में धान खरीदी किया था।