Special Story

राज्य में अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत वाहनों पर एचएसआरपी चिन्ह लगाना अनिवार्य

राज्य में अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत वाहनों पर एचएसआरपी चिन्ह लगाना अनिवार्य

ShivNov 25, 20243 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ राज्य में अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत सभी…

4 आईपीएस अफसरों का तबादला, इन जिलों के बदले गए एसपी

4 आईपीएस अफसरों का तबादला, इन जिलों के बदले गए एसपी

ShivNov 25, 20241 min read

रायपुर। राज्य सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के चार…

November 25, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

किसान नेताओं ने की धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाने की मांग

रायपुर- खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 01 नवंबर 2023 से प्रारंभ हुई है जो 31 जनवरी 2024 को समाप्त हो जाएगी. छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रति एकड़ 20 क्विंटल से बढ़ाकर 21 क्विंटल किया गया है. अलग-अलग समितियों में कृषि भूमि की रकबा अनुसार प्रतिदिन खरीदी की मात्रा तय की गई. इस मात्रा में बढ़ोतरी भी जा रही है परंतु खरीदी केंद्रों में उठाव नहीं होने के कारण जगह का अभाव भी होते जा रहा है, मात्रा बढ़ने के कारण हमलों के लिए तौलाई, सिलाई, संग्रहण में कठिनाई हो रही है जिससे सभी किसानों का धान तय अवधि में खरीदी हो पाने में संशय है और किसान खासे चिंतित है. इस कारण धान खरीदी अवधि को कम से कम 15 फरवरी तक बढ़ाया जाना चाहिए.

इस पर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश महासचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि अलग अलग किसानों से जानकारी मिल रही है कि वर्तमान में 31 जनवरी तक किसानों को टोकन जारी किया गया है जबकि कई सारे किसान अभी तक टोकन और अपने बारी के इंतजार में है. धमतरी जिला के कुरूद ब्लॉक के बंजारी निवासी किसान नुतेश चंद्राकर पिता पुरुषोत्तम चंद्राकर ने बताया कि उन्होंने अब तक 400 बोरी धान बेचा है और 200 बोरी धान बेचना बाकी है. जब उन्होंने थुहा खरीदी केंद्र में टोकन कटाने गया तब पता चला कि 31 जनवरी तक का टोकन काटा जा चुका है लेकिन उसका बारी अभी नहीं आया है ऐसे परिस्थिति में वह किसान चिंतित है कि 200 बोरी धान समर्थन मूल्य पर बेच नहीं पायेगा. उन्होंने कहा कि वह अकेले ऐसे किसान नहीं है जो धान बेचने से वंचित हो रहे हैं यदि अवधि नहीं बढ़ाया गया तो करीब 10 हजार क्विंटल धान इस समिति अंतर्गत नहीं बिक पायेगा. तेजराम विद्रोही ने आगे कहा कि प्रदेश में यदि एक भी किसान अपने उपज बेचने से वंचित होता है तो यह कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा सरकार की बहुत बड़ी नाकामी होगी इसलिए शीघ्र ही अवधि बढ़ाया जाए जिससे खरीदी और उठाव में भी सुविधा हो.

वहीं किसान नेता पारस नाथ साहू, पुरुषोत्तम चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ शासन से धान खरीदी की अवधि कम से कम 10 दिन बढ़ाने की मांग की है. क्योंकि अनेक खरीदी केन्द्रों में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप धान खरीदी पूरा नहीं हुआ है. निर्धारित अवधि 31 जनवरी तक खरीदी किए जाने के बाद भी अनेक खरीदी केंद्रों में पंजीकृत किसानों का 15 से 20000 बोरी धान खरीदना बाकी है.

किसानों को समितियां के माध्यम से मिल रही जानकारी के अनुसार धान खरीदी सिर्फ 31 जनवरी तक किया जाना है. जिससे किसानों में भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है. हालांकि मुख्यमंत्री ने जरूरत पड़ने पर धान खरीदी की अवधि बढ़ाए जाने का आश्वासन दिया है पर अभी तक अधिकृत घोषणा नहीं की गई है. अनेक क्षेत्र के किसानों ने शासन प्रशासन से धान खरीदी की तिथि बढ़ाने की शीघ्र आदेश जारी करने की मांग किया है ताकि कोई भी किसान अपना उपज बेचने से वंचित न रहे. धान खरीदी की अवधि न बढ़ने पर किसान उग्र प्रदर्शन की तैयारी भी कर चुके हैं.