Special Story

ईआरओ, डीईओ, सीईओ स्तर पर राजनीतिक दलों के साथ जमीनी स्तर की बैठकें जारी

ईआरओ, डीईओ, सीईओ स्तर पर राजनीतिक दलों के साथ जमीनी स्तर की बैठकें जारी

ShivMar 22, 20252 min read

रायपुर।    देश भर में 4,123 ईआरओ अपने-अपने विधान सभा…

आपकी भुजाओं की ताकत के कारण ही आज मैं सड़क मार्ग से बीजापुर आ पाया- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

आपकी भुजाओं की ताकत के कारण ही आज मैं सड़क मार्ग से बीजापुर आ पाया- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

ShivMar 22, 20252 min read

रायपुर।   उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा आज बीजापुर पहुँचकर गंगालूर क्षेत्रान्तर्गत अंडरी…

बिहार और छत्तीसगढ़ की संस्कृति आपस में गहराई से जुड़ी है – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

बिहार और छत्तीसगढ़ की संस्कृति आपस में गहराई से जुड़ी है – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

ShivMar 22, 20254 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि बिहार…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. देवेंद्र प्रधान को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. देवेंद्र प्रधान को दी श्रद्धांजलि

ShivMar 22, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर…

March 22, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

आंगनबाड़ी सहायिकों की फर्जी भर्ती का मामला : जिला स्तरीय जांच समिति द्वारा शुरू की गई जांच

गरियाबंद।  आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में फर्जी अंकसूची दिखाकर नियुक्ति मामले में अब जिला स्तरीय जांच समिति ने जांच शुरू कर दी है. मामले में सीडीपीओ (बाल विकास परियोजना अधिकारी) और बीईओ देवभोग में हुए 16 नियुक्ति में जमा किए गए अंक सूची और मूल्यांकन पंजी को जांच समिति के समक्ष रखेगी.   

जांच में देरी, असल दोषी अब भी बाहर

देवभोग में जाली दस्तावेजों के आधार पर हुई नियुक्तियों की पहले हुई जांच अधूरी रह गई थी और कार्रवाई केवल छोटे स्तर के जिम्मेदारों पर हुई. असली दोषी अब भी कानूनी शिकंजे से बाहर हैं. हालांकि, कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने मामले की तह तक जाने के लिए जिला स्तरीय जांच समिति का गठन किया था. पंचायत चुनाव के कारण यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था, लेकिन अब इसे फिर से मामले में गंभीरता से लिया जा रहा है. 

जांच समिति का गठन और बैठकें

अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी चार सदस्यीय जांच समिति में जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पांडेय, देवभोग एसडीएम तुलसी दास मरकाम, और जिला पंचायत अधिकारी अभिषेक पाठक को शामिल किया गया है. समिति की पहली बैठक 19 मार्च को हुई, जिसमें जांच के दिशा-निर्देश तय किए गए. मगंलवार यानी 20 मार्च, 2025 को सीडीपीओ और बीईओ को आदेश जारी किया गया कि वे सोमवार तक सभी भर्ती दस्तावेज जमा करें.

शिकायतकर्ता को भेजा गया था जेल

पूंजीपारा आंगनबाड़ी भर्ती में जाली अंक सूची का मामला सामने आने के बाद प्रधान पाठक और नियुक्त महिला अभ्यर्थी के खिलाफ देवभोग थाने में मामला दर्ज किया गया था. जनवरी में कोदोभाठा आंगनबाड़ी में भी 67% अंकों को 81% दिखाने का मामला उजागर हुआ. इसकी शिकायत करने वाली नीला यादव को ही विभाग ने आरोपी बनाकर जेल भेज दिया. कुम्हडई खुर्द भर्ती मामले में भी एक अभ्यर्थी पर पुलिस ने कार्रवाई की. इस दौरान जाली अंक सूची जारी करने वाले और इसे भर्ती प्रक्रिया में शामिल कराने वाले बड़े अधिकारी जांच से बाहर रहे. 

भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी

बता दें कि अगस्त 2024 में 16 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन निकाला गया था. भर्ती और नियुक्ति आदेश एक साथ जारी होने थे, लेकिन भारी लेन-देन के चलते चयन समिति ने नियम ताक पर रख दिए. एक साथ नियुक्ति आदेश जारी करने की बजाय अलग-अलग जारी किए गए. बड़ी गड़बड़ी उजागर होने के बाद भी जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही थी। जिला पंचायत सदस्य देश बंधु नायक ने कहा है कि पहले बड़े दोषियों को बचाए जा रहे थे. अब जिला स्तरीय जांच समिति पर पूरा भरोसा है,रुपए लेकर नियम तोड़ने वाले अब शिकंजे में आयेंगे.

अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने कहा कि समिति का गठन हो गया है. भर्ती से संबंधित सभी दस्तावेज मंगवाए गए हैं. जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.