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जो सरकार अच्छा काम करती है वह आम जनता के बीच जाने से नहीं कतराती: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

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ShivMay 19, 20253 min read

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ShivMay 19, 20252 min read

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May 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

PM आवास योजना में फर्जी जियो टैगिंग का खेल, रिपोर्ट में 1366 आवासों को दिखाया पूर्ण, लेकिन 400 से ज्यादा मकानों की स्थिति संदिग्ध, सीईओ बोले- होगी कार्रवाई

गरियाबंद।   छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पीएम आवास योजना के तहत बनाए जा रहे मकानों की फर्जी जियो टैगिंग कर गलत रिपोर्ट देने का मामला सामने आया है. देवभोग और मैनपुर जनपद क्षेत्र में मैदानी कर्मियों ने कई अधूरे मकानों का काम पूरा दिखाकर ऑनलाइन जियो टैगिंग कर दी. दरअसल, बीते 15 दिनों में 1366 आवासों को पूर्ण बताया गया, जबकि इनमे से 400 से ज्यादा आवासों की स्थिति पर संदेहास्पद है.

जिसकी छत की ढलाई नहीं हुई उसे भी पूर्ण बताया

झाखरपारा के सुंदरसिंह, दहीगांव के परमेश्वर सिंह जैसे इस तिथि के बाद पूर्ण बताए गए 20 से ज्यादा हितग्राही के आवास की छत की ढलाई तक नहीं हुई पर इनके आवास को 15 मई तक पूर्ण बताया कर ऑनलाइन जियो टैग कर दिया गया. दहीगांव के यादराम का मकान तो डोर लेबल तक भी नहीं पहुंचा पर उसकी तस्वीर दूसरे के मकान में खड़ा कर पूर्ण दर्शाया गया है, जिससे प्रशासन को गुमराह किया जा सके.

एक ही मकान, दो हितग्राही

जांच में सामने आया है कि एक ही मकान को दो हितग्राहियों के नाम पर दिखाया गया. उदाहरण के तौर पर पुरनापानी गांव में चूमन लाल और जय सिंह की जियो टैगिंग एक ही आवास में की गई. ऐसा करीब 30 हितग्राहियों के रिपोर्ट में दर्शाया. इसी तरह, झाखरपारा में भी एक मकान को अलग-अलग एंगल से फोटो लेकर दो अलग हितग्राहियों का बताया गया. पिछले 15 दिनों के प्रगति बताने वाले ज्यादातर रिपोर्ट में इसी तरह से पर्दा डालने का काम किया गया है.

कार्रवाई से बचने आंकड़ों में हेराफेरी

सीएम के सख्त निर्देश के बाद, जिला प्रशासन ने आवास प्रगति पर निगरानी बढ़ा दी थी. शो-कॉज नोटिस के डर से कई मैदानी कर्मचारियों ने प्रगति की बोगस रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की. रिपोर्ट के अनुसार, 1 मई को देवभोग ब्लॉक में 2700 मकान अप्रारंभ थे, जो 15 मई तक घटकर 2157 हो गए. वहीं पूर्ण आवास 1200 से बढ़कर 1658 हो गए. द्वितीय और तृतीय किश्त जारी आंकड़ों में भी इजाफा हुआ. मगर जमीनी हकीकत इससे अलग है.

तेजी से बढ़ा प्रतिशत

प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 17 अप्रैल की स्थिति में जिले में स्वीकृत 34138 आवास में केवल 5339 पूर्ण थे, लेकिन 15 मई की स्थिति में 7214 हो गया। ब्लॉक वार पूर्णता का प्रतिशत देखें तो उपरोक्त अवधि में छुरा की प्रगति 18.67% थी, जो 24.24 हुआ। देवभोग में 17% से बढ़कर 23.09%, फिंगेश्वर में 24.85 % था, जो बढ़ कर 32.43 हो गया।सबसे कम प्रगति देने वाले गरियाबंद ब्लॉक में 13.6% से बढ़कर आंकड़ा 16.46 प्रतिशत हुआ और सबसे कमजोर मैंनपुर ब्लॉक में 8.82 प्रतिशत से बढ़कर प्रगति को 12.62 प्रतिशत बढ़ाया गया.

जिलास्तर पर तेजी से जांच

जिला पंचायत सीईओ जीआर मरकाम ने कहा कि एक ही परिवार के दो हितग्राही यदि साथ मकान बना रहे हों, और मकान की लंबाई-चौड़ाई मानक से अधिक हो, तो संभव है कि एक मकान पर दो जियो टैगिंग हुई हो. लेकिन यदि जानबूझकर गलत रिपोर्ट तैयार की गई है, तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

अब तक कितनों पर हुई कार्रवाई?

प्रत्येक जनपद को सेक्टर में बांटे गए आवास के निर्माण में गति लाने तकनीकी सहायक, पंचायत सचिव से लेकर आवास मित्र को जवाबदार बनाया गया. 15 दिन पहले सीएम ने कलेक्टरों की बैठक लेकर पीएम आवास में तेजी लाने कमजोर कड़ियों पर कार्रवाई निर्देश दे दिया. प्रशासन का फोकस आवास योजना पर केंद्रीत हुआ. कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ लगातार ब्लॉक में बैठक लेकर प्रगति की समीक्षा करते रहे. जिस सेक्टर में 10 प्रतिशत से कम प्रगति आई, वहां के जवाबदारों को शो काज नोटिस थमाया गया.

शो-कॉज नोटिस अब तक :-

फिंगेश्वर – 18
छुरा – 13
गरियाबंद – 16
मैनपुर – 34
देवभोग – 25

इन जिम्मेदारों के साथ जनपद सीईओ और पीओ को भी जवाबदेह ठहराया गया है. यदि जांच में फर्जीवाड़ा सिद्ध होता है, तो निलंबन की कार्रवाई तय मानी जा रही है.