प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए सभी की भागीदारी जरूरी: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को नर्मदापुरम से “100 दिवसीय नि-क्षय अभियान” का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश को टी.बी. मुक्त बनाने की दिशा में यह “100 दिवसीय निक्षय अभियान” एक सकारात्मक पहल है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए इसे जन-आंदोलन बनाना जरूरी है। समाज के सभी वर्गों के सहयोग से इस अभियान को सफल बनाना है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष-2018 में देश को वर्ष-2025 तक टी.बी. अर्थात क्षय रोग से मुक्त कराने का संकल्प लिया था। यह अभियान उसमें एक सार्थक भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि नागरिकों की जिंदगी बचाने के लिए आज शुरू हुआ यह अभियान देश के 347 जिलों में प्रारंभ हो रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश के 23 जिले भी शामिल हैं। इस अभियान का उद्देश्य टी.बी. प्रकरणों की पहचान, मृत्यु दर में कमी और नए टी.बी. प्रकरणों में कमी लाना है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में नि-क्षय मित्र पहल के तहत हम टी.बी. मरीजों को पोषण सहायता प्रदान कर हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं। इसमें हम टी.बी. के मरीजों को प्रतिमाह पूरक खाद्य बास्केट प्रदान करते हैं, जिससे उनके शरीर को बीमारी से लड़ने के लिए जरूरी ताकत मिल सके। उन्होंने कहा कि अब टी.बी लाइलाज बीमारी नहीं है, टी.बी. का इलाज संभव है, टी.बी. से डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने वर्ष-2030 तक टी.बी. उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन केन्द्र सरकार ने इससे पहले वर्ष-2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि वर्ष-2015 से 2023 तक भारत में टी.बी. के मामलों में 17.7 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह दर वैश्विक गिरावट 8.3 प्रतिशत से दोगुना से भी अधिक है। उन्होंने यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है कि वर्ष 2015 में भारत में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर टी.बी. के प्रकरण 237 थे, जो वर्ष-2023 में घटकर 195 रह गए हैं। मध्यप्रदेश ने इस उपलब्धि में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में टी.बी. से होने वाली मृत्यु दर प्रति 1 लाख जनसंख्या पर 28 थी, जो वर्ष 2023 में घटकर 22 हो गई है। वर्ष 2025 तक इसे घटाकर मात्र 3 तक लाने का लक्ष्य हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में लगातार विकास हो रहा है। प्रदेश में शासकीय मेडिकल कॉलेज के साथ पीपीपी मोड पर भी मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज की सुविधा नागरिकों को उपलब्ध हो। इस दिशा में प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागरिकों से की अपील
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के सभी नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों, और सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों से अपील की कि वे इस 100 दिवसीय नि-क्षय अभियान का हिस्सा बनकर टी.बी. मरीजों की मदद करें और उन्हें बताए कि “अब टी.बी. लाइलाज बीमारी नहीं है, इसका इलाज संभव है।”