Special Story

बेटे भाग्य से और बेटियां सौभाग्य से मिलती हैं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

बेटे भाग्य से और बेटियां सौभाग्य से मिलती हैं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 25, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे…

उद्योगों के विकास से ही बढ़ेंगे रोजगार के अवसर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

उद्योगों के विकास से ही बढ़ेंगे रोजगार के अवसर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 25, 20254 min read

भोपाल।  दो दिवसीय ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के दूसरे दिन सूक्ष्म…

व्यापार-व्यवसाय में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

व्यापार-व्यवसाय में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 25, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि व्यापार-व्यवसाय…

February 25, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

साल भर बीत जाने के बाद भी अब तक नहीं मिली राहत राशि, सूखा प्रभावित अन्नदाताओं को राहत का इंतजार

गरियाबंद। पिछले खरीफ सीजन में कम वर्षा के चलते सूखा पड़ा था. देवभोग,अमलीपदर और मैनपुर तहसील में सूखा प्रभावित रकबे का सर्वे किया गया. राजस्व विभाग ने तय मापदंडों के आधार पर आरबीसी 6_4 अंतर्गत प्रकरण भी तैयार कर राहत मद से रुपये की मांग का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है.

तैयार प्रकरण के मुताबिक सर्वाधिक देवभोग तहसील के 70 गांव में 3478 किसानों के 3989.52 हेक्टयर रकबा प्रभावित हुआ, जिसके लिए 3 करोड़ 38 लाख 26075 रुपये राहत राशि,अमलीपदर तहसील में 2238 कृषकों के 2689.197 हेक्टेयर पर 2 करोड़ 28 लाख 64762 रुपये और मैनपुर तहसील के 249 कृषकों के 227.49 हेक्टेयर पर सूखे का प्रभाव पाया गया. जिसके लिए 19 लाख 33815 रुपये राहत राशि का प्रकरण दर्ज किया गया.

देवभोग तहसीलदार चितेश देवांगन और मैनपुर एसडीएम पंकज डाहरे ने कहा कि विधिवत प्रकरण दर्ज कर राहत शाखा के माध्यम से राहत राशि की मांग के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. मद में रुपये आते ही राहत राशि दे दिए जाएंगे.

डिफाल्टर हुए 356 किसान, 1.56 करोड़ का कर्ज बकाया

सूखा राहत और मुआवजा की मांग को लेकर अपनी जिद में अड़े झाखरपारा, झिरिपानी समिति के 22 गांव और कोसुमकानी गांव मिलाकर 2285 किसानों ने समर्थन मूल्य में धान नहीं बेचा. इनमें से 356 किसान 1 करोड़ 56 लाख का कर्ज भी नहीं पटा पाया, जिन्हें डिफाल्टर केटेगरी में रखा गया है. इस साल से डिफाल्टर किसानों पर लिए गए कर्ज का ब्याज भी चढ़ना शुरू हो गया है.

ब्याज से बचने लिया साहुकारी कर्ज

समर्थन मूल्य में धान नहीं बेचने के बावजुद सहकारी बैंक का कर्ज पटाने वाले कोसमकानी के कृषक तीकोराम, जालंधर,पदुलोचन ने बताया कि कर्ज पटाने घरेलू समान और जेवरात गिरवी रख साहुकारी कर्ज लेना पड़ा था. ब्याज से बचने प्रभावित गांव के ज्यादतर किसानों ने मिली बीमा राशि और साहुकार कर्ज लेकर ही कर्ज पटाया है. इन्हें इस साल काफी आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ा है.

किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष जयकिशन नागेश ने कहा कि सरकार बनते ही प्रतिनिधि मंडल लंबित राहत राशि की मांग को लेकर सीएम साय, कृषि मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि से भी मिल ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक राहत नहीं मिला है.