Special Story

विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की है महत्वपूर्ण भूमिका: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की है महत्वपूर्ण भूमिका: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

ShivJan 21, 20253 min read

रायपुर।     उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज राजधानी रायपुर के…

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानिए क्या है मामला

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानिए क्या है मामला

ShivJan 21, 20251 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष अरुण मिश्रा के…

अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया माल्यार्पण

अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया माल्यार्पण

ShivJan 21, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को उज्जैन की…

January 22, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

काउंटिंग में गड़बड़ी ! पत्थलगांव विधायक गोमती साय को HC का नोटिस, कांग्रेस प्रत्याशी रामपुकार सिंह ने दायर की थी याचिका

जशपुर- निर्वाचन में गड़बड़ी के मामले में पत्थलगांव विधानसभा विधायक गोमती साय को हाईकोर्ट ने नोटिस भेजा है. इस सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रामपुकार सिंह की याचिका पर उच्च न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई है. दायर याचिका में काउंटिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था. जिस पर आज अदालत ने गोमती साय को नोटिस जारी किया है.

जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की एकलपीठ जो इलेक्शन ट्रिब्यूनल का कार्य कर रही है, उसने प्राथमिक सुनवाई के बाद गोमती साय समेत सभी 6 अन्य प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर याचिका का जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं. अब इस मामले में 28 फरवरी को अगली सुनवाई होनी है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और सुदीप वर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि इस चुनाव में पोस्टल बैलेट का हिसाब किताब नियमानुसार नहीं रखा गया. साथ ही बड़ी संख्या में याचिकाकर्ता को मिले मत निरस्त घोषित हुए है. वहीं वीवीपैट का मिलान भी ईवीएम से नहीं किया गया है.

बता दें कि गोमती साय ने भाजपा की टिकट पर पत्थलगांव सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामपुकार सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने महज 255 वोटों से जीती दर्ज की थी. गोमती साय ने ये पहला विधानसभा चुनाव लड़ा है. पहली बार की सांसद हैं. जशपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.

गौरतलब है कि इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा लगाया गया रिकाउंटिंग का आवेदन भी रिटर्निंग ऑफिसर ने रद्द कर दिया था. इसके अलावा अन्य सभी आवश्यक दिशा-निर्देशों को उल्लंघन कर याचिकाकर्ता या उसके इलेक्शन एजेंट को बिना जानकारी दिये परिणाम घोषित कर गोमती साय को निर्वाचित घोषित किया. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में गोमती साय और उनके चुनाव अभिकर्ता और भाजपा के पदाधिकारियों पर याचिकाकर्ता के खराब स्वास्थ्य की अफवाह फैलाना का भी आरोप लगाया है. जिसके कारण या तो बहुत से समर्थक वोट डालने नहीं गये या फिर उन्होंने किसी और प्रत्याशी को वोट दे दिया.

केवल 255 मतों से निर्धारित हुए इस चुनाव में अन्य दलों और निर्दलिय 6 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. इन सभी राजाराम लकड़ा (आप), इनोसेंट कुजूर (बसपा), अनिल कुमार परहा (हमर राज पार्टी), नेहरू लकड़ा (जोगी कांग्रेस), रथुराम पैकरा निर्दलिय सुनिल कुमार खलखों (भा.मु.पा) को एक हजार से ज्यादा और कुल मिलाकर 11500 से ज्यादा वोट मिले हैं. वहीं नोटा को भी 3000 से ज्यादा वोट मिला. याचिकाकर्ता का कहना है कि खराब स्वास्थ्य की अफ़वाह के कारण मिलने वाले वोट अन्य प्रत्याशियों को चले गये और परिणाम प्रभावित हुआ.

भाजपा ने बदला चेहरा, कांग्रेस से 10वीं बार पुकार

बता दें कि इस सीट पर भी भाजपा ने अपना चेहरा बदला था. भाजपा ने सांसद गोमती साय पर भरोसा जताया था. 2018 में इस सीट से शिवशंकर पैकरा लड़े थे. वहीं कांग्रेस ने अपने दिग्गज आदिवासी नेता और 90 सीटों में सबसे वरिष्ठ विधायक रामपुकार सिंह पर ही भरोसा जताया था.