Special Story

विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की है महत्वपूर्ण भूमिका: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की है महत्वपूर्ण भूमिका: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

ShivJan 21, 20253 min read

रायपुर।     उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज राजधानी रायपुर के…

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानिए क्या है मामला

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानिए क्या है मामला

ShivJan 21, 20251 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष अरुण मिश्रा के…

अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया माल्यार्पण

अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया माल्यार्पण

ShivJan 21, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को उज्जैन की…

January 22, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

हिन्द एनर्जी में ईपीएफ टीम की दबिश, कोयला ट्रांसपोर्टरों में हड़कंप

कोरबा। वेतन में कटौती सहित कर्मचारियों से जुड़े अन्य मुद्दों पर शिकायत मिलने पर एसईसीएल कोल माइंस से कोयला ट्रांसपोर्ट करने वाली हिंद एनर्जी के दीपका स्थित दफ्तर में ईपीएफ की टीम ने दबिश दी है. लगातार दूसरे दिन कार्यालय के दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की कार्रवाई से कोयलांचल के कोल ट्रांसपोर्टरों में हड़कंप मच गया है. 

बताया जा रहा है कि हिन्द एनर्जी के कर्ताधर्ता राजेश अग्रवाल, सतीश अग्रवाल, आदित्य अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, संजय अग्रवाल ने कंपनी में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए करोड़ों रुपए की हेराफेरी की है. इस बात की शिकायत मिलने पर जांच के लिए पहुंची ईपीएफ की टीम लगातार दूसरे दिन भी जमी हुई है.

बताया जा रहा है कि डिडौलीभांठा में रहने वाले हिंद एनर्जी के पूर्व कर्मचारी बाबूलाल पोर्ते की शिकायत पर ईपीएफ ने यह कार्रवाई की है. बाबूलाल पोर्ते कंपनी को अंदर-बाहर से अच्छी तरह से जानते हैं. इस संबंध में कलेक्टर के अलावा अन्य विभागों में शिकायत की थी. इस पर एक टीम कुछ दिनों पहले बिलासपुर स्थित हिन्द एनर्जी के दफ्तर में भी जांच-पड़ताल के लिए पहुंची थी.

इस कार्रवाई से जहां एक ओर कोयला कारोबारियों में दहशत की स्थिति है, तो वहीं दूसरी ओर अपने हक से वंचित कर्मचारियों में खुशी की लहर देखी जा रही है. कर्मचारियों को महसूस हो रहा है कि उनका जो हक मारा गया था, इस कार्रवाई के बाद वह उन्हें वापस मिलेगा.