सुकमा में मुठभेड़, एक महिला समेत दो नक्सली ढ़ेर

सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता मिली है। कुकनार थाना क्षेत्र के जंगलों में हुई मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए हैं। घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने स्वचालित हथियार भी बरामद किए हैं। फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान जारी है। सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह मुठभेड़ नक्सल विरोधी अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह जिला रिजर्व गार्ड (DRG), सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि कुछ सशस्त्र नक्सली कुकनार थाना क्षेत्र के घने जंगलों में सक्रिय हैं। इसके बाद एक सर्च ऑपरेशन चलाया गया। सुरक्षाबलों की टुकड़ी जैसे ही चिन्हित इलाके में पहुंची, छिपे हुए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला और दो तरफा गोलीबारी शुरू हो गई। करीब आधे घंटे चली मुठभेड़ के बाद इलाके की सघन तलाशी ली गई, जिसमें दो वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद किए गए। घटनास्थल से एक इंसास राइफल और एक अन्य स्वचालित हथियार भी जब्त किया गया है। मारे गए नक्सलियों की पहचान की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, ये दोनों नक्सली संगठन के सक्रिय सदस्य थे और क्षेत्र में कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
सुरक्षाबलों की सतर्कता और रणनीतिक तैनाती के चलते नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है। यह मुठभेड़ कुकनार थाना क्षेत्र के दूरस्थ और पहाड़ी जंगलों में हुई। हमारी प्राथमिकता अब इलाके की पूरी तरह से तलाशी लेने और किसी भी अन्य नक्सली की उपस्थिति की जांच करने की है।” मुठभेड़ के बाद पूरे इलाके को घेराबंदी कर तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। साथ ही, ड्रोन और स्नीफर डॉग्स की मदद से भी जंगलों में तलाशी ली जा रही है, ताकि कोई भी नक्सली भागने में सफल न हो सके। स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करें। घटनास्थल से निकटतम गांवों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब राज्य सरकार ने बस्तर और आसपास के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास योजनाओं को तेज गति से लागू करने का निर्णय लिया है। नक्सली गतिविधियों में कमी लाने के लिए प्रशासन लगातार सुरक्षात्मक और सामाजिक उपायों को बढ़ावा दे रहा है। सुरक्षाबलों के अनुसार, यह अभियान “ऑपरेशन समर्पण” और “ऑपरेशन मॉनसून क्लीनअप” जैसी विशेष योजनाओं का हिस्सा है, जिसके तहत नक्सलियों को या तो आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है या उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है।