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विजय जुलूस में नारेबाजी करना पड़ा महंगा, पंचायत सचिव निलंबित

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ShivFeb 23, 20251 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। गौरेला ब्लॉक के तरई गांव में पदस्थ ग्राम पंचायत सचिव…

बाल संप्रेक्षण गृह से फरार हुए 3 नाबालिग, मचा हड़कंप

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ShivFeb 23, 20251 min read

अंबिकापुर।   छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में बाल संप्रेषण गृह की सुरक्षा में…

चुनाव ड्यूटी में शराब के नशे में पकड़ाया पुलिसकर्मी, एसपी ने किया सस्पेंड

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ShivFeb 23, 20251 min read

कोरबा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में तैनात मतदानकर्मियों के शराब के नशे…

डॉ.दिनेश मिश्र ने चंडीगढ़ में सामाजिक कुरीतियों के  खिलाफ छेड़ा अभियान

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ShivFeb 23, 20251 min read

रायपुर।  अंधश्रद्धा  निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने पंजाब प्रवास में पंजाब हरियाणा के सामाजिक कार्यकर्ताओं से…

चैंपियंस ट्रॉफी: भारतीय टीम की जीत को लेकर बाबा महाकाल व सिद्धिविनायक मंदिर में की पूजा अर्चना

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ShivFeb 23, 20251 min read

उज्जैन। चैम्पियंस ट्रॉफी में बांग्लादेश को पराजित कर भारतीय टीम का…

अब छत्तीसगढ़ के जेलों में बंद कैदियों के ‘पाप कटेंगे’!

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ShivFeb 23, 20251 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के जेलों में सजा काट रहे कैदी 25…

February 23, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

स्वास्थ्य सेवाओं का सशक्तीकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल।      मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं का सशक्तीकरण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के प्रत्येक कोने तक उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचे, हर ज़िले में मेडिकल कॉलेज हों, अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध हों और पर्याप्त स्वास्थ्य अमला हो। उन्होंने कहा कि 46 हज़ार से अधिक स्वास्थ्य अमले की भर्ती के लिये स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने शीघ्र भर्ती प्रक्रिया पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सशक्त स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा से कोई भी क्षेत्र विकास की छलांग लगाने के लिये तैयार होता है। सशक्त और विकसित प्रदेश के लिये इन क्षेत्रों का सशक्त होना ज़रूरी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन से ‘पीएम जनमन अभियान’ के तहत 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये मोबाइल मेडिकल यूनिट प्रदेश के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सहज और सुलभ उपलब्धता का कार्य करेगी।

संसाधनों की कमी नहीं होने दी जायेगी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट्स दुर्गम और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में पहुँचकर आमजन को ओपीडी, रोग निदान, उपचार और दवाइयों जैसी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगी। प्रत्येक यूनिट में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी और अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से प्रदेश के स्वास्थ्य मानकों में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के सशक्तीकरण के लिये संसाधनों की कमी नहीं होने दी जायेगी। मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिये हम संकल्पबद्ध हैं।

87 विकासखण्डों के 1268 ग्रामों में पहुँचेगी यूनिट

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) से 21 जिलों के 87 विकासखंडों में 1268 ग्रामों के लगभग 3,12,246 लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। योजना में चिन्हित जिले अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, दतिया, डिंडौरी, गुना, गवालियर, कटनी, मंडला, मुरैना, नरसिंहपुर, सतना, शहडोल, श्योपुर, सीधी, शिवपुरी, जबलपुर, रायसेन, उमरिया और विदिशा शामिल हैं।

मोबाइल मेडिकल यूनिट दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा प्रदाय में लायेंगी क्रांतिकारी बदलाव

उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वस्थ भारत के निर्माण की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार युद्धस्तर पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘पीएम जनमन अभियान’ के तहत प्रदेश के 21 जिलों के 87 विकासखंडों में 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदाय में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने का कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के वे क्षेत्र जो स्वास्थ्य सेवाओं में पिछड़े और दुर्गम हैं, वहाँ विशेष प्रयासों के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ बनाया जा रहा है।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच उत्कृष्ट समन्वय और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सशक्त नेतृत्व और प्रगतिशील सोच से सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, अधोसंरचना विकास और औद्योगिक विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश में नए मानक स्थापित हो रहे हैं। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने विश्वास व्यक्त किया कि स्वास्थ्य विभाग के पूरे अमले के समर्पण और निष्ठापूर्ण प्रयासों से मध्यप्रदेश निश्चित रूप से स्वास्थ्य के विभिन्न मानकों में अग्रणी राज्य बनने में सफल होगा।

मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) के लाभ

प्रत्येक मोबाइल मेडिकल यूनिट में प्रशिक्षित मानव संसाधन, जिसमें एक डॉक्टर, नर्स, एएनएम/एमपीडब्ल्यू, लैब टेक्नीशियन, फिजियोथेरेपिस्ट और ड्राइवर शामिल हैं, सेवाएँ प्रदान करेंगे। प्रत्येक यूनिट में 14 प्रकार की जांच सुविधाएँ, 65 प्रकार की आवश्यक दवाइयाँ और 29 प्रकार की स्वास्थ्य सामग्रियाँ उपलब्ध रहेंगी।

मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के माध्यम से लोगों को संचारी रोगों और मूलभूत ओपीडी सेवाएँ, टीबी, कुष्ठ, मलेरिया, फाइलेरिया जैसी बीमारियों की पहचान और उपचार, प्रसवपूर्व एवं प्रसव उपरान्त देखभाल, उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और गुर्दा रोगों की पहचान, नवजात शिशुओं में जन्मजात विकृतियों की जाँच एवं उपचार, परिवार नियोजन सेवाएँ, मानसिक स्वास्थ्य और पोषण परामर्श, वृद्धजनों की देखभाल और आकस्मिक चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की जाएंगी। इन यूनिट्स को जीपीएस प्रणाली से लैस किया गया है, जिससे उनकी निगरानी और संचालन में पारदर्शिता बनी रहेगी। प्रत्येक मोबाइल मेडिकल यूनिट एक माह में 24 दिन तक सेवाएँ प्रदान करेगी और प्रतिदिन 2 गांवों में लगभग 50 मरीजों का इलाज करेगी।

इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप कुमार यादव और एमडी एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।