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युक्तियुक्तकरण के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करेगी कांग्रेस, PCC चीफ बैज ने किया ऐलान

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ShivMay 31, 20251 min read

जगदलपुर। प्रदेश सरकार के युक्तियुक्तकरण के फैसले के खिलाफ प्रदेशभर…

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय में जागरूकता अभियान का किया गया आयोजन

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ShivMay 31, 20252 min read

रायपुर। शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के सार्वजनिक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा…

सांसद बृजमोहन अग्रवाल को मिली नई जिम्मेदारी, बने एफसीआई छत्तीसगढ़ परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष…

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रायपुर/नई दिल्ली। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल को केंद्र सरकार की तरफ…

May 31, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

कोशिशें लाई रंग, छत्तीसगढ़ में मलेरिया के टूटे डंक, बस्तर में अब आधे ही रह गये मामले, राज्य में पॉजिविटी रेट 4.60 से घटकर अब 0.51 प्रतिशत

रायपुर।   घने जंगलों और दुर्गम क्षेत्रों वाले बस्तर संभाग में मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम हमेशा से एक कड़ी चुनौती रही है, लेकिन इसके बावजूद हालात तेजी से बदले भी हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बारिश के मौसम को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग को मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए सक्रिय कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों से बस्तर सहित पूरे राज्य में मलेरिया के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। इस बारिश के दौरान मलेरिया उन्मूलन की दिशा में प्रयासों को तेज करने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बीजापुर जिले के दौरे पर हैं।

छत्तीसगढ़ के मलेरिया के कुल मामलों में से 61.99 फीसदी दंतेवाड़ा, बीजापुर, और नारायणपुर से आते हैं। इन जिलों में स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और मुख्यमंत्री के निर्देशन में किए गए कार्यों से मलेरिया के मामलों में काफी कमी आई है। बस्तर संभाग में मलेरिया के मामलों में 50 फीसदी की कमी आई है। मलेरिया के वार्षिक परजीवी सूचकांक दर के अनुसार, 2018 में छत्तीसगढ़ में मलेरिया की दर 2.63 फीसदी थी जो 2023 में घटकर 0.99 फीसदी रह गई है। इसी तरह बस्तर में यह दर 16.49 फीसदी से घटकर 7.78 फीसदी रह गई है।

मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 2020 से 2023 के दौरान, पहले से नौंवे चरण तक मलेरिया धनात्मक दर 4.60 फीसदी से घटकर 0.51 फीसदी हो चुकी है। इस अभियान का दसवां चरण भी 5 जुलाई 2024 को समाप्त हुआ है। इस अभियान के तहत राज्य में 22 जिलों में 16.97 लाख कीटनाशक युक्त मच्छरदानियों का वितरण भी किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने 2024 की पहली छमाही में मलेरिया के मामलों की रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बस्तर जिले में 1660 केस, बीजापुर में 4441, दंतेवाड़ा में 1640, कांकेर में 259, कोंडागांव जिले में 701, नारायणपुर जिले में 1509 और सुकमा में 1144 केस दर्ज किए गए हैं। इस प्रकार, स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में मलेरिया के मामलों की निगरानी बढ़ाने और उपचार सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए कदम उठाए हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, राज्य सरकार ने जनता से अपील की है कि मलेरिया के लक्षण दिखने पर तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और समय पर उपचार करवाएं। मलेरिया के मामलों में आई यह कमी सरकार की सतर्कता और जनता की जागरूकता का परिणाम है।

छत्तीसगढ़ सरकार के निरंतर प्रयास और जनसहभागिता के कारण मलेरिया पर नियंत्रण पाने में राज्य ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, जो आने वाले समय में इस बीमारी के उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा कदम है।